दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, यूपी, पंजाब में उमस वाली गर्मी होगी. जबकि इस सप्ताह के आखिर में यानी शनिवार से मौसम में सुधार होने और मेघ बरसने के आसार हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि ये मॉनसून के आगे बढ़ने और बरसने की सामान्य प्रक्रिया है.
(संजय शर्मा का इनपुट)
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि जिन क्षेत्रों में हाल में अच्छी बारिश हुई है, वहां भी इस हफ्ते मॉनसूनी गतिविधियां धीमी रहेंगी. जबकि हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड में बारिश हो सकती है.
(संजय शर्मा का इनपुट)
मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि कम दबाव के क्षेत्र के चलते बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश हो सकती है. इस दौरान इन क्षेत्रों में मध्यम से तेज आंधी चलने की भी संभावना है. विभाग ने कहा कि सोमवार को उत्तराखंड में भी कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज यानी सोमवार को अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) 37 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. मौसम विभाग के अनुसार दिन के दौरान बादल छाये रहने के साथ हल्की बारिश और आंधी का अनुमान है.
मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून के आगे बढ़ने का क्रम 26 जून और 30 जून के बीच धीरे-धीरे मजबूत होने की उम्मीद है. इस दौरान मॉनसून उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों में पहुंचेगा.
यूपी-बिहार में बारिश और बाढ़ की मुसीबत, उत्तराखंड में चट्टानों के दरकने से दहशत
बिहार में मॉनसून की बारिश हो रही है. वहीं, नेपाल में हो रही बारिश का असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिल रहा है. कंचनपुर में 4 लेन का निर्माणाधीन पुल को बारिश ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. बिहार में बारिश का सिलसिला जारी होने से लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मौसम की परिस्थितियां मॉनसून के आगे बढ़ने के अनुकूल नहीं हैं. पश्चिमी हवाओं का असर मॉनसून पर 23 जून तक बना रह सकता है. जिसके कारण पंजाब के शेष हिस्से, हरियाणा और दिल्ली में मॉनसून नहीं पहुंचने के आसार हैं.
उत्तराखंड में मौसम की भयानक मार पड़ी है. लगातार हो रही बारिश के बाद अब चट्टानें दरकने लगी हैं. कई जगहों पर भूस्खलन हो रहा है. ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 94 नरेंद्र नगर के पास भूस्खलन होने के कारण कई रास्ते बाधित हुए हैं.
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार एक ट्रफ रेखा पश्चिम राजस्थान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से दक्षिण हरियाणा, दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक जा रही है.