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इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम अपना अनूठा अंदाज दिखा रहा है. मॉनसून की शुरुआत केरल से हो चुकी है लेकिन फिर भी देश के कई हिस्सों में अलग-अलग वजहों से बारिश हो रही है जिसका मॉनसून से कोई लेना-देना नहीं. मसलन गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई सारे इलाकों में बारिश और तेज हवाएं चली.
मौसम विभाग की मानें तो यह बारिश पुरवइया हवाओं की वजह से हुई. दरअसल गुरुवार को एक चक्रवाती सिस्टम उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में बना हुआ था और जब बंगाल की खाड़ी से चलने वाली पुरवइया हवाओं ने उसके साथ मुलाकात की तो बारिश का मौसम बन गया.
दिल्ली प्रादेशिक मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव बताते हैं, 'मई के आखिर और जून के कई दिनों में इस तरीके का सिस्टम तैयार हो जाता है. इस वक्त तापमान 40 या उससे ऊपर बना रहता है और जब उसके साथ आर्द्रता
और बाकी कोई सिस्टम सक्रिय होता है तो उसकी वजह से बारिश होती है.'
यूपी, बिहार और झारखंड में बारिश की स्थिति
पूर्वी राज्यों मसलन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश तक कई इलाकों में पुरवइया हवाओं की वजह से बारिश होने की संभावना आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी. ऐसे में तेज हवाएं भी चलती हैं साथ-साथ बिजली भी खूब कड़कती है. साथ ही कई सारे उत्तरी राज्यों जैसे पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी इन दिनों बारिश की स्थिति बनी हुई है.
यह बारिश भी मॉनसून की वजह से नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर में बन रहे एक पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से है. पिछले महीने यानी मई में भी उत्तरी भारत में कम से कम 6 वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सिस्टम बने. इसके साथ ही साथ दो चक्रवाती सिस्टम भी बने और उसकी वजह से खूब बारिश हुई.
दिल्ली में इस बार नहीं लगे लू के थपेड़े
इन्हीं सिस्टम का असर है कि इस बार दिल्ली में मई और जून के महीने में इतनी गर्मी नहीं पड़ी जितनी आमतौर पर पड़ती है. ना तो मई के महीने में और ना ही अब तक जून में एक भी दिन ऐसा रहा जब लू के थपेड़े दिल्ली वालों ने महसूस किया हो. जबकि आमतौर पर 15 मई से लेकर 15 जून तक का एक महीना दिल्ली के हिसाब से सबसे गर्म माना जाता है.
कुलदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि 'ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि पिछले 10 सालों में 2011 और 2014 में भी ऐसा हुआ था कि एक भी दिन लू नहीं चली थी. आमतौर पर हम हीटवेव तब घोषित करते हैं जब तापमान या तो 45 डिग्री से ऊपर चला जाए या फिर सामान्य से कम से कम साढ़े चार डिग्री ऊपर. आने वाले दिनों में तापमान 42 डिग्री तक तो जा सकता है लेकिन 45 डिग्री तक पहुंचने की संभावना काफी कम है.'
कुल मिलाकर देखें तो देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का कुछ उल्टा-पुल्टा मिजाज देखने को मिल रहा है. मॉनसून से पहले बारिश और तूफान की गतिविधियां अचानक काफी बढ़ गई हैं. हालांकि मौसम विभाग ने इस बार सामान्य के आसपास मॉनसून बारिश रहने की उम्मीद जाहिर की है लेकिन अगर मौसम ने अपना उल्टा पुल्टा अंदाज जारी रखा तो किसी हिस्से में अधिक तो कहीं पर कम बारिश भी हो सकती है.