
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के कंबल वितरण कार्यक्रम में हुई भगदड़ मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एफआईआर दर्ज करने से रोक लगा दी है. इसको लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि इसे कलकत्ता हाई कोर्ट से सामने मेंशन किया जाए.
राज्य सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले का उल्लेख सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अदालत में करते हुए कहा कि मुफ्त कंबल बांटने के दौरान मची भगदड़ में लोगों के मारे जाने पर एफआईआर दर्ज करना चाहते हैं लेकिन राज्य सरकार को मना कर दिया गया है. कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल जज पीठ ने भविष्य में इस मामले में कोई और एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी है. ये ब्लैंकेट स्टे है. हमें एफआईआर दर्ज कराने की आजादी है.
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर रोक लगाने वाले एकल जज आज कोर्ट में नहीं हैं तो हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास जाएं. चीफ जस्टिस किसी जज को असाइन कर देंगे. इसके बाद राज्य सरकार ने याचिका वापस ले ली.
दरअसल 8 दिसंबर को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दर्ज कुल 17 मुकदमों पर रोक लगाते हुए फैसला दिया था कि बिना कोर्ट की इजाजत के अधिकारी के खिलाफ राज्य सरकार कोई मुकदमा दर्ज नहीं करेगी. हाई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट आई थी और हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी.
क्या था पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बुधवार शाम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के कंबल वितरण कार्यक्रम में भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई. जानकारी के मुताबिक, भगदड़ की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. घटना उस समय हुई, जब शुभेंदु अधिकारी अपना भाषण खत्म कर कार्यक्रम स्थल से चले गए. इस कार्यक्रम का आयोजन आसनसोल के पूर्व मेयर और बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने किया था. घायलों को आसनसोल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. शुभेंदु अधिकारी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे.
बिना अनुमति बीजेपी ने की रैली: TMC
वहीं इस हादसे को लेकर टीएमसी शुभेंदु अधिकारी पर हमलावर हो गई है. उसने इस हादसे के लिए नेता प्रतिपक्ष को दोषी ठहराया है. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि पता चला है कि बीजेपी ने पुलिस की अनुमति के बिना इस रैली का आयोजन किया. गरीबों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया. आसनसोल पुलिस के सूत्रों ने भी बताया कि बीजेपी ने इस कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी. घोष ने कहा कि मैं बीजेपी नेताओं को बताना चाहता हूं कि वे एक पागल व्यक्ति को अपनी पार्टी की बागडोर देकर क्या कर रहे हैं? शुभेंदु अधिकारी को इस हादसे के लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्हें इस हादसे के लिए जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए?