
प्रचंड जीत के साथ पश्चिम बंगाल की सत्ता में लौटीं ममता बनर्जी अब गर्वनर जगदीप धनखड़ के खिलाफ मोर्चा खोल सकती हैं. सूत्रों से खबर है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्र 2 जुलाई से शुरू होगा. इस दौरान गर्वनर के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रस्ताव ला सकती है और उन्हें हटाने की मांग कर सकती है.
गर्वनर जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी खुद सीएम ममता बनर्जी कर रही हैं. बीते दिनों उन्होंने विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की थी और इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. बताया जा रहा है कि राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव पर टीएमसी सदन के अंदर चर्चा कर सकती है और केंद्र से उन्हें हटाने की मांग कर सकती है.
दरअसल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच अनबन विधानसभा चुनाव से पहले से है. कई मौकों पर राज्यपाल धनखड़ ने ममता बनर्जी के फैसले पर सवाल उठाया था.ममता बनर्जी ने भी पलटवार किया था, लेकिन चुनाव के दौरान ममता बनर्जी, राज्यपाल पर सीधा हमला बोलने से बचती रहीं.
विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ऐतिहासिक जीत के बाद ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारदा केस की फाइल खोली और टीएमसी के चार नेताओं पर केस चलाने की इजाजत दे दी. इसके बाद ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच भी जुबानी जंग तेज हो गई. इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चुनाव के बाद हुई हिंसा का मुद्दा उठाया.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाए और उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसकी रिपोर्ट राज्यपाल धनखड़ ने दिल्ली को भी दी. राज्यपाल की बयानबाजी से तृणमूल कांग्रेस नाराज है और जगह-जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं. सोमवार को उत्तर बंगाल के दौरे पर गए राज्यपाल को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे भी दिखाए.
इस बीच टीएमसी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर बंगाल का बंटवारा करने और बंगाल को अस्थिर करने का षड्यंत्र रचने का गंभीर आरोप लगाया है. बंगाल सरकार में मंत्री साधन पांडे ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम करने के लिए नियुक्त किए गए थे, ममता की जीत के बाद राज्यपाल अब अपने आपको साबित करने पर तुले हैं.
मंत्री साधन पांडे ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ का दो एजेंडा है, पहला की बंगाल को दो भागों में बांट दिया जाए, उत्तर बंगाल को अलग करने की योजना है और दूसरा एजेंडा बंगाल में अस्थिरता पैदा करना है, ताकि ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में ध्यान न दे पाएं और बंगाल में ही लगी रहें, लेकिन टीएमसी ने सत्र में राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी.