
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी के 5 दिवसीय दिल्ली दौरे का आज आखिरी दिन है. ममता बनर्जी ने अपने इस दौरे में विपक्ष के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात की लेकिन नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार से आज भी मुलाकात नहीं हो सकी. शरद पवार बीते बुधवार से ही दिल्ली में थे.
शरद पवार आरजेडी नेता लालू यादव से मुलाकात कर चुके हैं, वहीं सपा नेता रामगोपाल यादव से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है. लेकिन 5 दिवसीय दौरे के दौरान भी ममता बनर्जी ने शरद पवार से मुलाकात नहीं की. अब एनसीपी चीफ महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गए.
इस बीच टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के आवास से निकलने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'मैंने शरद पवार से बात की है. यह दौरा सफल रहा. हम राजनीतिक मकसद से मिले थे. लोकतंत्र बने रहना चाहिए. हमारा नारा है 'लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ'. हम किसानों के मुद्दों का भी समर्थन करते हैं. हम अब हर 2 महीने में यहां आते रहेंगे.'
कोलकाता के लिए रवाना होने से पहले ममता ने बताया कि उनकी शरद पवार से फोन पर बात हुई है. वह अब हर 2 महीने में कोलकाता आती रहेंगी.
विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ ममता बनर्जी की मुलाकात को थर्ड फ्रंट के तौर पर भी देखा जा रहा है. शुक्रवार को वैसे भी ममता बनर्जी को संसदीय दल का नेता टीएमसी ने चुना था. हैरान करने वाली बात ये है कि ममता बनर्जी न लोकसभा, न ही राज्यसभा की सदस्य हैं. ऐसे में ममता बनर्जी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों को अब नजर आ रही हैं. यह भी कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में विपक्ष का नेतृत्व भी कर सकती हैं.
'योगी बैठ्या है बक्कल तार दिया करे'... किसान आंदोलन पर UP BJP के ट्वीट पर बवाल
किसानों से भी ममता कर सकती हैं मुलाकात
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पर मुलाकात के लिए आज जा सकती हैं. किसानों से मुलाकात के बाद ममता पूर्व कांग्रेस सांसद किरीप चालिहा से दोपहर 2 बजे मुलाकात करेंगी. ममता बनर्जी आज ही 4 बजकर 55 मिनट पर कोलकाता के लिए रवाना होंगी. किसान आंदोलन को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में भी विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है. ऐसे में ममता बनर्जी के आने की अटकलों के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ममता बनर्जी के पहुंचने से पहले डॉग स्क्वायड और बम स्क्वाड की टीम गाजीपुर बॉर्डर पर सिक्योरिटी चेक कर रही है.
किसानों की आवाज संसद में भी उठाकर विपक्ष किसानों को लामबंद करने की कोशिशों में जुटा है. ऐसे में ममता बनर्जी भी किसानों को समर्थन देने पहुंच रही हैं. ममता बनर्जी का खुद आंदोलनस्थल पर पहुंचना, केंद्र पर बड़ा दबाव बना सकता है. ममता बनर्जी अपने इस बार के दिल्ली दौरे में विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.
किसानों के दबाव में हैं राजनीतिक पार्टियां
संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही ऐलान कर चुका है जो राजनीतिक पार्टियां किसानों का मुद्दा मॉनसून सत्र के दौरान नहीं उठाएंगी, उन्हें किसान समर्थन नहीं देंगे. ऐसे में विपक्षी राजनीतिक पार्टियां बढ़-चढ़कर किसानों का मुद्दा संसद में उठाने की कोशिशों में जुटी हैं. ममता के इस दौरे से बड़ा राजनीतिक संदेश जा सकता है.
दरअसल केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आंदोलनकारी किसान गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर 9 महीने से डटे हैं. किसानों की मांग है कि हर हाल में केंद्र सरकार तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस ले. वहीं केंद्र सरकार से साथ किसानों की कई राउंड की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है.
विपक्ष बना रहा है केंद्र सरकार पर दबाव
किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं, वहीं केंद्र सरकार भी कृषि कानूनों को रद्द करने के मूड में नजर नहीं आ रही है. किसानों ने किसान संसद के दौरान यह भी कहा है कि आंदोलन को देशव्यापी किया जा सकता है. कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं, ऐसे में विपक्षी दलों की कोशिश है कि किसानों की नाराजगी किसी भी तरह से वे मोल न लें और सरकार पर दबाव बनाएं.