
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को गुरुवार को दिल्ली बुलाया गया है. रात 8 बजे की फ्लाइट से राज्यपाल दिल्ली के लिए निकले. वो शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात और बैठक कर सकते हैं. धनखड़ इससे पहले बंगाल के गवर्नर रहे हैं. कहा जा रहा है कि राज्यपाल बोस की कार्यशैली से बंगाल बीजेपी के नेता खुश नहीं हैं. आज ही राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी की मौजूदगी में अपने भाषण के आखिरी में TMC का 'चुनावी नारा' दिया है. बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
बता दें कि गुरुवार को राज्यपाल ने राजभवन में Hate khori यानी अक्षरभ्यास रस्म का आयोजन किया था, इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी. हालांकि, बंगाल बीजेपी से कोई नेता कार्यक्रम में नहीं पहुंचा है. इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं. राज्य की सियासत का माहौल भी गरमा गया है.
'जय बांग्ला' बोलकर किया भाषण समाप्त
इस बीच, सूत्रों का कहना है कि बंगाल बीजेपी ने आज के कार्यक्रम में राज्यपाल के अभिभाषण पर आपत्ति जताई है. नए राज्यपाल ने बंगाली में 'जय बांग्ला, जय हिंद' कहकर अपना भाषण समाप्त किया. बता दें कि 'जय बांग्ला' का इस्तेमाल ममता बनर्जी और टीएमसी ने राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के 'जय श्री राम' नारे के खिलाफ दिया था. हालांकि, राज्यपाल कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि गवर्नर के दिल्ली दौरे का प्लान 2 सप्ताह पहले से प्रस्तावित था.
हंसी का पात्र बनाने में जुटी हैं ममता बनर्जी: शुभेंदु
बीजेपी नेता और नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राजभवन में बंगाल के राज्यपाल के समारोह पर प्रतिक्रिया दी है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा- वह (राज्यपाल) कल नई दिल्ली में कुछ लोगों से मिलेंगे. वे वहां बताएंगे कि 'Hate khori' की अवधारणा कुछ अलग है. बच्चे या अनपढ़ लोग इस Hate khori का संचालन करते हैं, लेकिन राज्यपाल को पश्चिम बंगाल के कई लोगों की तुलना में कई भाषाओं का ज्ञान है. गवर्नर को शिक्षाविद्, लेखक और राष्ट्रवादी के रूप में जाना जाता है. चुनाव बाद हिंसा के दौरान वे डेलिगेशन की टीम का हिस्सा थे. राज्यपाल को ड्रामेबाज, झूठी और लेडी किम ममता बनर्जी गुमराह कर रही हैं, ताकि संवैधानिक गरिमा हंसी का पात्र बन जाए. हम भाजपा और मैं विपक्ष के नेता के रूप में किसी पर निर्भर होकर काम नहीं करते हैं. हम देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं.