
पश्चिम बंगाल में पिछले पिछले दस दिनों में हुए चार विस्फोटों में 16 लोगों की मौत की मौत हो गई है, जिसके बाद राज्य सरकार ने अहम कदम उठाया है. सरकार ने घोषणा की है कि जो भी प्रशासन को अवैध पटाखा इकाइयों के संचालन के बारे में सूचना देगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी के मुताबिक, उन्होंने शुक्रवार को एक बैठक में जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि राज्य में केवल उन पटाखा फैक्ट्रियों को संचालन की अनुमति दी जाए, जिनके पास विस्फोटक और अग्निशमन लाइसेंस के अलावा राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान का प्रशिक्षण प्रमाणपत्र है.
अधिकारी ने कहा कि पटाखों के भंडारण की सुविधा के लिए भी सरकार से आवश्यक लाइसेंस होना चाहिए. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बाजार में पटाखे जारी करने से पहले सुरक्षा मानकों और प्रदूषण को लेकर उनका परीक्षण करने पर भी विचार कर रही है. आपको बता दें कि 16 मई से अब तक राज्य में विभिन्न स्थानों पर हुए चार विस्फोटों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज इलाके में अवैध पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में एक नाबालिग और दो महिलाओं की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस सिलसिले में पटाखों के अवैध निर्माण कारखाने चलाने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया.
आपको बता दें कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने उस रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें पश्चिम बंगाल में एक और पटाखा विस्फोट में 23 मई, 2023 को मालदा शहर में दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी. कथित तौर पर, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस चौकी और नगर पालिका से कुछ ही मीटर की दूरी पर पटाखों और कार्बाइड की अवैध जमाखोरी देखी जा सकती है. राज्य में ऐसे तीन विस्फोट हो चुके हैं. आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.