
पश्चिम बंगाल कैबिनेट मंत्री साधन पांडे का रविवार सुबह निधन हो गया. साधन पांडे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वह 71 साल के थे. उन्होंने मुंबई के निजी अस्पताल में आखिरी सांसें ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट मंत्री साधना पांडे के निधन की पुष्टि की है. साधन पांडे के निधन से बंगाल के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर देखने को मिल रही है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) और तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.
ममता बनर्जी ने साधन पांडे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'हमारे वरिष्ठ सहयोगी, पार्टी नेता और कैबिनेट मंत्री साधन पांडे का रविवार सुबह मुंबई में निधन हो गया. लंबे समय से एक अद्भुत रिश्ता था. इस नुकसान पर गहरा दुख हुआ. उनके परिवार, दोस्तों, समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.' ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने आज अपने बड़े भाई को खो दिया, जिससे वह हर मामले में सलाह लिया करती थीं.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी व्यक्त किया शोक
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने साधन पांडे के निधन पर शोध व्यक्त करते हुए लिखा “दुखद समाचार- वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री साधन पांडे के आज सुबह मुंबई में निधन से गहरा दुख हुआ. राजनीति से परे उनके साथ अद्भुत संबंध और व्यक्तिगत संबंध रहे थे. उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति हार्दिक संवेदना. ओम शांति.”
लंबे समय से बीमार चल रहे थे साधन पांडे
साधन पांडे काफी वक्त से बीमार थे. कई सालों पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान साधन पांडे काफी बीमार पड़ गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान उनके फेफड़ों में संक्रमण की बात सामने आई थी. हालांकि कुछ दिनों बाद उनको डिस्चार्ज कर दिया गया. पिछले साल जुलाई में साधन पांडे को एक बार फिर से कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया था. बाद में उनको मुंबई के एक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां उन्होंने आज आखिरी सांस ली.
लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे हैं साधन पांडे
साधन पांडे लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे थे. वह पहले कांग्रेस के नेता थे, लेकिन ममता बनर्जी के द्वारा टीएमसी के गठन के बाद वह टीएमसी से जुड़ गये थे और पहले बड़तला विधानसभा केंद्र से और बाद में मानिकतला विधानसभा केंद्र से टीएमसी के विधायक बने थे. ममता बनर्जी की सरकार में उन्हें उपभोक्ता मामलों का मंत्री बनाया गया था.