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पश्चिम बंगाल: शिक्षक भर्ती मामले पर कलकत्ता HC के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग, 4 हजार लोगों ने किया विरोध

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया और राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST), 2016 की स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया.

कलकत्ता हाई कोर्ट (फाइल फोटो) कलकत्ता हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 24 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 4:22 AM IST

पश्चिम बंगाल (West Bengal) शिक्षक भर्ती मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए. करीब चार हजार लोगों ने मंगलवार को हाईकोर्ट के फैसले को अमान्य बताते हुए कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में प्रोटेस्ट किया. प्रदर्शनकारियों में वो लोग शामिल हैं, जिनकी शिक्षण नियुक्तियों को भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला देते हुए रद्द कर दिया गया है. 

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जिन लोगों की नौकरी चली गई, उनके पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मुख्यालय में उसके अधिकारियों से मुलाकात की और स्थिति पर चर्चा की. एजेंसी के मुताबिक बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक दो घंटे से ज्यादा वक्त तक चली. हमने उनके मुद्दों को सुना. हम उनकी स्थिति के प्रति सहानुभूति रखते हैं लेकिन हमें हाईकोर्ट के फैसले का पालन करना होगा.

'हमने एग्जाम पास किया...'

छंटनी किए गए शिक्षकों के प्रवक्ता अजहरुद्दीन रॉकी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिना किसी गलती के हमने अपनी नौकरी खो दी. हमने अपनी योग्यता के आधार पर परीक्षा के लिए क्वालिफाइ किया था, लिखित परीक्षा और मौखिक परीक्षा पास की थी. नियुक्ति के बाद, हमने क्लासेज ली हैं. इतने दिनों में हमारे हमारे ऊपर कोई उंगलियां नहीं उठाई गईं.

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उन्होंने आगे कहा कि अगर करीब 5,000 उम्मीदवारों ने कथित तौर पर अनुचित साधनों का सहारा लिया (जैसा कि CBI जांच में कहा गया) तो हमें क्यों परेशान किया जाना चाहिए?

कलकत्ता हाईकोर्ट एक बेंच ने 22 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया और राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST), 2016 की स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया.

पूर्व बर्धमान जिले की एक अन्य पीड़ित शिक्षिका सोमा बारिक ने कहा कि मैंने अपने जिले के एक माध्यमिक विद्यालय में सरकारी नौकरी के लिए क्वालिफाइ करने के बाद 2017 में एक प्राइवेट अंग्रेजी-मीडियम स्कूल में कर रही अपनी नौकरी छोड़ दी थी.

यह भी पढ़ें: कलकत्ता हाईकोर्ट के जज का इस्तीफा, BJP में होंगे शामिल

उन्होंने आगे कहा कि मेरे पास किसी को रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं थे, मैंने एग्जाम के लिए कड़ी मेहनत की थी. अब मुझे नहीं पता कि मेरा और मेरे परिवार का क्या होगा. मेरे पास खिलाने के लिए तीन लोग हैं, जिनमें मेरे बुजुर्ग माता-पिता और छोटा भाई शामिल हैं. 

'ममता बनर्जी की गिरफ्तारी हो...'

बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि 2016 एसएससी भर्ती का पूरा पैनल अमान्य है. क्या राज्य सरकार अब नींद से जाग गई है? आज लगभग 26 हजार नौकरियां चली गईं और इसकी जिम्मेदारी सरकार पर है. हम चाहते हैं कि ममता बनर्जी की गिरफ्तारी हो, इसकी सीबीआई जांच हो क्योंकि यह मुमकिन नहीं है कि उन्हें इस सब की जानकारी नहीं हो.

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'यह एक पाप है...'

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मैं दुविधा में था कि क्या एक उच्च शिक्षित व्यक्ति, विशेष रूप से शिक्षा मंत्री, ऐसा काम करेंगे या नहीं. मैं यह देखकर हैरान रह गया कि ऐसी चीजें की गई हैं. अदालत के फैसले से यह साबित हो गया है कि मैंने जो सुना वह सही था. उन्होंने आगे कहा कि जब हम एजुकेशन सिस्टम में भ्रष्टाचार भावी पीढ़ी को लूटने के जैसा है, जो एक पाप है.
 

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