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BJP नेता जितेंद्र तिवारी दिल्ली में गिरफ्तार, बंगाल पुलिस की कार्रवाई

आसनसोल के पूर्व मेयर बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. बंगाल पुलिस उनकी तलाश में बीते 10 दिन से दिल्ली में छापेमारी कर रही थी. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व वाली टीम ने जितेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया. उन्हें कोलकाता ले जाया गया है.

बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी (फाइल फोटो). बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी (फाइल फोटो).
अनिल गिरी
  • आसनसोल,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 3:34 PM IST

बीजेपी नेता और आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया. उन्हें नई दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. जितेंद्र तिवारी फ्लाइट से नई दिल्ली से कोलकाता एयरपोर्ट लाया जा रहा है. जितेंद्र की गिरफ्तारी के लिए आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर की बनाई गई एक टीम बीते 10 दिन से दिल्ली में मौजूद थी और सर्च ऑपरेशन चला रही थी. कई बार छापेमारी करने के बाद दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर की टीम ने जितेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया. उन पर आसनसोल के नॉर्थ थाने में मामला दर्ज है.

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यह है मामला

आसनसोल में 14 दिसंबर 2022 को कंबल बांटने के कार्यक्रम के दौरान तीसरी कक्षा के छात्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस कार्यक्रम का आयोजन आसनसोल के पूर्व मेयर और बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने कराया था. इसमें बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी मुख्य अतिथि थे.

कार्यक्रम के आयोजकों में स्थानीय भाजपा पार्षद और नगरपालिका प्रतिपक्ष जितेंद्र की पत्नी चैताली भी मौजूद थीं. घटना उस वक्त हुई थी जब शुभेंदु अधिकारी अपना भाषण खत्म कर कार्यक्रम स्थल से चले गए थे. घायलों को आसनसोल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. .

मामले में दर्ज की गई एफआईआर में जितेंद्र, उनकी पत्नी चैताली तिवारी का नाम था. दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. घटना में मृतकों की पहचान आसनसोल के कल्ला निवासी चांदमणि देवी, झाली बाउरी और रामकृष्णडांगा की 12 वर्षीय प्रीति सिंह के रूप में हुई थी. उस घटना में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.

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इस घटना के बाद से ही पुलिस को जितेंद्र की तलाश थी. उसके घर पर भी छापेमारी की गई थी, जितेंद्र की पत्नी चेताली का कहना था कि राजनीतिक द्वेष की चलते उन्हें फंसाया गया है. मामले में चैताली को कलकत्ता हाई कोर्ट से सुरक्षा भी मिल गई थी. मगर, कोर्ट ने कहा था कि रौंदने से हुई मौत के मामले में जांच नहीं रोकी जा सकती है. चैताली को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.

(इनपुट - राजेश साहा)

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