
पिछले कुछ दिनों से चल रहे आंदोलन और विवाद के बीच कुश्ती फेडरेशन के अधिकारी निशाने पर हैं. पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर खेल मंत्रालय ने एक्शन लिया है. खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को सस्पेंड कर दिया है. ये वही सेक्रेटरी हैं जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिए थे.
कुश्ती फेडरेशन के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर ने शनिवार शाम ही बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते. जांच की रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे और उसी के बाद आरोपों को लेकर के अपनी बात सामने रखेंगे.
बृजभूषण शरण सिंह का पक्ष ले रहे थे सेक्रेटरी
विनोद तोमर ने ही आज शाम कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह अध्यक्ष के पद पर अभी भी काबिज हैं, लेकिन जांच चलने तक अपने आप को किसी भी आधिकारिक काम से दूर रखेंगे. कल होने वाली जनरल बॉडी की मीटिंग में वह अपने स्टेटस को बताएंगे और देशभर के प्रतिनिधियों के बीच इस विषय पर भी चर्चा होगी.
मंत्रालय ने उनकी मौजूदगी को पाया हानिकारक
बता दें कि विनोद तोमर को सहायक सचिव के रूप में 29 अक्टूबर को 2002 को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) द्वारा नियुक्त किया गया था. मंत्रालय ने विनोद तोमर की भूमिका सहित WFI के कामकाज के बारे में रिपोर्टों पर ध्यान दिया. इन रिपोर्ट में मंत्रालय ने पाया कि विनोद तोमर की मौजूदगी अनुशासन के लिए हानिकारक होगी.
खेल मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड 2011 (अनुबंध-IX) के प्रावधानों के मुताबिक सहायक सचिव विनोद तोमर को तत्काल निलंबित करने का फैसला किया है.
विनोद तोमर को नहीं मिला कोई आदेश
इस निलंबन के बाद विनोद तोमर का बयान भी सामने आया. विनोद तोमर ने कहा कि उन्हें इस निलंबन की कोई जानकारी नहीं मिली है. विनोद तोमर ने कहा कि अगर खेल मंत्रालय ने आदेश दे भी दिया है तो अभी उन्हें ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है. खेल मंत्रालय और पहलवानों के बीच हुई बैठक में कल ही यह चर्चा हुई थी कि वह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और भारतीय कुश्ती महासंघ के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देखते हैं.
WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को ठहराया गलत
गौरतलब है कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद संस्था ने खेल मंत्रालय को जवाब भेज दिया है. WFI ने इन आरोपों को बड़ी साजिश करार दिया है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ गलत व्यवहार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठ बताया है. इसके साथ ही WFI ने पहलवानों को लेकर सवाल उठाए और महासंघ के तत्वावधान में आयोजित टूर्नामेंटों के बारे में जानकारी शेयर की है.
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिए ये तर्क
WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सरकार को जो जानकारी दी है, उसमें कुछ तर्क भी दिए हैं और कहा- महासंघ में एक यौन उत्पीड़न कमेटी एक्टिव है. अगर ऐसा घटित हुआ तो उसे कभी कोई शिकायत क्यों नहीं मिली है. आगे कहा- यौन उत्पीड़न कमेटी के सदस्यों में से एक नाम साक्षी मलिक का है. वे विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से एक हैं.
WFI ने ये भी दावा किया है कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है और एक विशेष राज्य (हरियाणा) के पहलवान इसमें शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा, विरोध निहित स्वार्थों से प्रेरित हैं, क्योंकि WFI के चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं.