
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद खेल जगत भी हैरान देखा जा रहा है. इस मामले में WFI ने खेल मंत्रालय को जवाब भेज दिया है और आरोपों को बड़ी साजिश करार दिया है. इस मामले में पहली बार WFI ने खुलकर पक्ष रखा है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ गलत व्यवहार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठ बताया है. इसके साथ ही WFI ने पहलवानों को लेकर सवाल उठाए और महासंघ के तत्वावधान में आयोजित टूर्नामेंटों के बारे में जानकारी शेयर की है.
WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सरकार को जो जानकारी दी है, उसमें कुछ तर्क भी दिए हैं और कहा- महासंघ में एक यौन उत्पीड़न कमेटी एक्टिव है. अगर ऐसा घटित हुआ तो उसे कभी कोई शिकायत क्यों नहीं मिली है. आगे कहा- यौन उत्पीड़न कमेटी के सदस्यों में से एक नाम साक्षी मलिक का है. वे विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. WFI ने ये भी दावा किया है कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है और एक विशेष राज्य (हरियाणा) के पहलवान इसमें शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा, विरोध निहित स्वार्थों से प्रेरित हैं, क्योंकि WFI के चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं.
'आरोपों में नहीं है कोई सच्चाई'
WFI का कहना था कि प्रदर्शनकारियों/पहलवानों द्वारा धरने और प्रेस कांफ्रेंस में बैठ कर अपने आरोपों को जिस तरीके से हवा दी गई है, वो निश्चित रूप से बड़े स्वार्थ और साजिश की तरफ इशारा कर रहा है. यौन उत्पीड़न के एक भी आरोप को स्वीकार नहीं किया गया है और ना ही कभी देखा गया है और न ही पाया गया है और ना ही अब तक शिकायत की गई है और ना ही WFI को यौन उत्पीड़न कमेटी को रिपोर्ट किया गया है, इसलिए इस आशय के आरोप दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं, इस मामले में कोई सच्चाई नहीं है सिवाय WFI के वर्तमान प्रबंधन के साथ-साथ WFI के वर्तमान अध्यक्ष की प्रतिष्ठा को आसान लक्ष्य बनाने के लिए यह सब किया गया है.
WFI का मंत्रालय को जवाब....
18 जनवरी 2023 की देर शाम भारतीय कुश्ती संघ को ई-मेल के माध्यम से एक पत्र मिला है, जिसमें कुछ प्रमुख पहलवानों द्वारा कथित तौर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में जानकारी दी गई. फेडरेशन के कामकाज में कुप्रबंधन, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच पर कथित रूप से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने और मनमानी के गंभीर आरोप लगाए गए थे. इन सबका संक्षेप में बिना किसी पूर्वाग्रह के जवाब दिया जा रहा है.
WFI की मनमानी और कुप्रबंधन के आरोप...
WFI की मनमानी और कुप्रबंधन के कथित आरोपों के संबंध में इसे मंत्रालय के ध्यान में लाया जाता है-
- WFI को उसके संविधान के अनुसार निर्वाचित निकाय द्वारा प्रबंधित किया जाता है और इसलिए अध्यक्ष, WFI समेत किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से WFI की मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.
-. राष्ट्रीय शिविरों/प्रशिक्षण/कोचिंग शिविरों में हिस्सा लेने के लिए अपनी नीति के संबंध में 'पहलवानों के चयन के लिए रेगुलेशन' के आधार पर WFI समय-समय पर जारी किए गए अपने नियमों, रेगुलेशन, नीति/निर्देशों आदि द्वारा भी प्रबंधित किया जाता है. जो ज्यादातर WFI की वेबसाइट/पोर्टल पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं. हालांकि, तत्काल संदर्भ के लिए WFI के इस ई-मेल पत्र के साथ नवीनतम "राष्ट्रीय शिविर नीति/पहलवानों के चयन के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों/अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए रेगुलेशन" की प्रति भी संलग्न है. इसमें WFI की मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.
- WFI विशेष रूप से वर्तमान अध्यक्ष (तीसरी बार) ने हमेशा भारत के सर्वोत्तम हित के साथ-साथ पहलवानों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए काम किया है. वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में WFI ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती खेल की छवि निखारी है. WFI के निष्पक्ष, सहायक, स्वच्छ और सख्त प्रबंधन के बिना संभव नहीं था. 2021 और 2022 में विश्व चैम्पियनशिप में राष्ट्रीय स्पर्धाओं और पदकों पर ध्यान दिया जा सकता है...
2022
वर्ल्ड U23
1 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज [ कुल 6 मेडल]. जबकि इस कार्यक्रम में केवल 10 पहलवानों ने भाग लिया.
वर्ल्ड सीनियर
2 ब्रॉन्ज
वर्ल्ड U20
1 गोल्ड, 4 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज [ कुल 16 मेडल]
वर्ल्ड U17
7 गोल्ड, 1 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज [ कुल 14 मेडल]
2021
वर्ल्ड U23
1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज [कुल 5 मेडल]
वर्ल्ड सीनियर
1 सिल्वर
वर्ल्ड U20
4 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज [कुल 11 मेडल]
वर्ल्ड U17
5 गोल्ड, 1 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज [कुल 13 मेडल]
WFI या सरकार की नीति, नियमों, रेगुलेशन, निर्देशों आदि के अनुसार पहलवानों की मदद और समर्थन करने के अलावा WFI का सिटिंग मैनेजमेंट रेसलिंग ओरिएंटेड है न कि रेसलर्स सेंट्रिक. भारत या किसी भी अंतर्राष्ट्रीय निकाय की और किसी भी कोच या पहलवानों समेत किसी की गलत कामों की अनुमति नहीं देता है. WFI का प्रबंधन सर्वोत्तम संभव तरीके से कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें यह प्रबंधन इतना सफल रहा है. विशेष रूप से मौजूदा अध्यक्ष, डब्ल्यूएफआई के ट्रैक रिकॉर्ड के अनुसार, जहां नीति के अनुसार कुश्ती के साथ-साथ पहलवानों की देखभाल और/या सर्वोत्तम हित में कार्य करने के अलावा डब्ल्यूएफआई की किसी भी मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.
इसलिए, मीडिया प्रदर्शनकारियों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता है, जिन्होंने व्यक्तिगत हित में या अनुचित दबाव में या WFI या अध्यक्ष, WFI के वर्तमान प्रबंधन को सिर्फ निहित स्वार्थ के लिए बदनाम करने और किसी बड़ी साजिश के तहत काम किया है. ज्यादातर प्रदर्शनकारी स्पष्ट रूप से एक विशेष क्षेत्र / हरियाणा राज्य से एक साथ आते देखे गए हैं. यह भी ध्यान देने योग्य होगा कि WFI के प्रबंधन के लिए अगला चुनाव भी वर्ष 2023 के निकट भविष्य में होने वाला है. संबंधित ऐसे सभी कारण और तथ्य स्पष्ट रूप से बताते हैं कि विरोध पहलवानों के सर्वोत्तम हित में नहीं है. ना ही भारत में अच्छी कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए, बल्कि WFI के मौजूदा सबसे निष्पक्ष और सख्त प्रबंधन को हटाने के लिए कुछ व्यक्तिगत और साथ ही छिपे हुए एजेंडे हैं और बदनाम करने की दृष्टि से अनुचित दबाव बनाने के लिए सार्वजनिक रूप से इस तरह के प्रतिकूल माहौल बनाने की साजिश भी है. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके छिपे हुए एजेंडे के लिए बदनाम करते हैं.
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप पर...
WFI का प्रबंधन WFI या सरकार की नीति, नियमों, विनियमों, निर्देशों आदि द्वारा किया जाता है. भारत या अंतर्राष्ट्रीय निकाय के अपने संविधान और नीति आदि के अनुसार कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष सहित किसी भी व्यक्तिगत पदाधिकारियों की सनक द्वारा शासित नहीं है, जो ज्यादातर सार्वजनिक डोमेन में भी उपलब्ध हैं.
यौन उत्पीड़न के संबंध में शिकायतों के निवारण के लिए WFI ने पहले से ही एक 'यौन उत्पीड़न समिति' का गठन किया है, जिसमें निम्नलिखित व्यक्ति शामिल हैं-
1. वीएन प्रसाद, महासचिव, WFI: अध्यक्ष
2. जय प्रकाश, ओलंपियन, संयुक्त सचिव, WFI: संयोजक
3. विशाल सिंह, कार्यकारिणी सदस्य : सदस्य
4. देबेंद्र कुमार साहू, कार्यकारी सदस्य, WFI: सदस्य
5. साक्षी मलिक, अर्जुन/ध्यानचंद खेल पुरस्कार विजेता: सदस्य
WFI की यौन उत्पीड़न समिति के बारे में जानकारी पहले से ही WFI के सार्वजनिक डोमेन की वेबसाइट/पोर्टल पर उपलब्ध है. कोई भी व्यथित व्यक्ति/पहलवान अपनी शिकायत के लिए उक्त समिति से संपर्क कर सकता है, जो समिति कानून के अनुसार जांच करने के लिए बाध्य है. हालांकि, इस तरह की किसी भी तरह की कोई शिकायत अभी तक प्रदर्शनकारियों/पहलवानों द्वारा नहीं की गई है, इसलिए, बिना किसी विशिष्ट शिकायत के ऐसी किसी भी मीडिया रिपोर्ट पर WFI यौन उत्पीड़न समिति द्वारा कभी भी ध्यान नहीं दिया जा सकता है और न ही ऐसे आरोपों की पुष्टि की जा सकती है. सिवाय इसके कि एक तरह से प्रेरित, पक्षपाती, निराधार, असत्य के रूप में ऐसा किया गया हो. ये सिर्फ अध्यक्ष, WFI या WFI के कोचों को नुकसान पहुंचाने की दृष्टि से झूठे आरोप हैं.
यौन उत्पीड़न का एक भी आरोप नहीं आया है और ना ही कभी इस पर शिकायत मिली है और ना ही पाया गया है. ना ही WFI को यौन उत्पीड़न समिति को सूचित किया गया, इसलिए इस आशय के आरोप समान रूप से दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं, इस मामले में बिना किसी सच्चाई के मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक रूप से WFI के वर्तमान प्रबंधन की प्रतिष्ठा के लिए आसान लक्ष्य बनाने के लिए आरोप लगाए गए हैं.
WFI का प्रबंधन प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक/सोशल मीडिया के आरोपों और रिपोर्टों पर भी अपनी नजर बनाए हुए है और कुश्ती, पहलवानों के सर्वोत्तम हित में नीति और कानून को लेकर अगली बैठक में इस पर विचार करने के उद्देश्य से इसे एकत्र करने और संकलित करने की प्रक्रिया में है. WFI का प्रबंधन आगे भी मंत्रालय को अन्य जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार और इच्छुक रहेगा.