Advertisement

'सीएम ऑफिस का नहीं करेंगे दौरा, गवाहों से बातचीत की मनाही...', केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है, लेकिन ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी के मामले को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है.

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST

दिल्ली के सीएम केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. इस केस की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस तीन जजों की नियुक्ति करेंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है. 

Advertisement

बता दें कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है, लेकिन ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी के मामले को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी. इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे. केजरीवाल को तब तक अंतरिम जमानत दी गई है, जब तक मामला बड़ी बेंच के समक्ष लंबित रहेगा. इस वजह से फिलहाल केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. वह मौजूदा समय में सीबीआई की कस्टडी में हैं, लेकिन उन्हें जमानत ईडी केस में मिली है. ऐसे में अभी वह जेल में ही रहेंगे.

Advertisement

अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए, अदालत ने कहा- अरविंद केजरीवाल एक निर्वाचित नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, एक महत्व और प्रभाव रखने वाला पद है. हमने आरोपों का भी हवाला दिया है. हालांकि हम कोई निर्देश नहीं देते हैं, क्योंकि हमें संदेह है कि क्या अदालत किसी निर्वाचित नेता को पद छोड़ने या मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में काम नहीं करने का निर्देश दे सकती है, हम फैसला लेने का फैसला अरविंद केजरीवाल पर छोड़ते हैं. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि, यदि उचित समझा जाए तो बड़ी पीठ प्रश्न बना सकती है और ऐसे मामलों में अदालत द्वारा लगाई जा सकने वाली शर्तों पर निर्णय ले सकती है. रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह इन प्रश्नों पर विचार के लिए एक उचित पीठ और यदि उपयुक्त हो तो एक संविधान पीठ के गठन के लिए मामले को भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखे.

अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में और क्या कहा, यहां देखिए

1. 50,000/- रुपये का जमानत बांड देना होगा.

2. वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे.

3. वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो.

Advertisement

4.वह वर्तमान मामले केस को लेकर अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. 

5. वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेगे और/या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उसकी पहुंच नहीं होगी.

6. अंतरिम जमानत को बड़ी बेंच द्वारा बढ़ाया या वापस लिया जा सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement