
दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को किसान संयुक्त मोर्चा ने किसान महापंचायत बुलाई. महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान इकट्ठा हुए. इस महापंचायत के बीच केंद्रीय कानून मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ किसान नेताओं की बैठक भी हुई. इस बैठक में किसानों ने एमएसपी पर कानून, लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे समेत 5 मांगों को प्रमुखता से रखा. हालांकि, बैठक में कोई बात बनती नहीं दिखी और मीटिंग थोड़ी देर में ही खत्म हो गई. इसके बाद किसानों ने ऐलान किया कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो 20-21 दिन में फिर से किसान आंदोलन किया जाएगा.
किसानों ने मीटिंग में रखीं ये 5 मांगें
- एमएसपी कमेटी भंग की जाए. MSP पर गारंटी कानून बने.
- किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवारों को मुआवजा मिले.
- किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं.
- अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से हटाया जाए.
-संयुक्त संसदीय समिति को विचार के लिए भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए.
फिर से दिल्ली कूच का ऐलान
केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में संसद में तीन कृषि कानून पास किए थे. इन कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी समेत देश के तमाम राज्यों के किसानों ने दिल्ली में कूच किया था. करीब एक साल तक किसान दिल्ली के बार्डरों पर डटे रहे थे. इसके बाद किसानों से कई स्तर की बातचीत के बाद सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लिया था. साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की लंबित मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था.
अब किसान आंदोलन के करीब 1.5 साल बाद हजारों किसानों ने एक बार फिर दिल्ली का रुख किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर को जो लिखित में आश्वासन दिए थे, उन्हें पूरा करे और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए. नरेंद्र तोमर से बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई, तो 20-21 दिन में आंदोलन करेंगे.
2024 में पूरे देश में बीजेपी का एक जैसा हश्र होगा
आजतक से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने एमएसपी कमेटी की मांग नहीं की, हमने एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमने मुजफ्फरनगर में बीजेपी को 8 सीटों से घटाकर एक सीट पर कर दिया. 2024 में पूरे देश में बीजेपी का एक जैसा हश्र होगा. हम यहां केंद्र सरकार से मिलने आए हैं. आपसी सहमति से मसले को सुलझाना चाहिए. संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में पंचायतों का आयोजन करता है. हमने कभी एमएसपी पर कमेटी की मांग नहीं की. हमने एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है. उन्हें संसद में बिल पेश करना चाहिए और इसे पास करना चाहिए.