Advertisement

Assam-Meghalaya Border Dispute: कहानी असम-मेघालय विवाद की... थोड़ा सुलझा, थोड़ा अब भी बाकी

Assam-Meghalaya Dispute: असम और मेघालय की बीच 50 साल से चल रहा सीमा विवाद अब थोड़ा सुलझता नजर आ रहा है. दोनों राज्यों के बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद है. इनमें से 6 जगहों का सीमा विवाद आज सुलझा लिया गया है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

असम-मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए. (फोटो-ANI) असम-मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए. (फोटो-ANI)
Priyank Dwivedi
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST
  • 1972 से जारी है असम-मेघालय में सीमा विवाद
  • 12 जगहों पर विवाद, 6 जगहों का विवाद सुलझा
  • असम के अपने सभी पड़ोसी राज्यों से सीमा विवाद

Assam-Meghalaya Dispute: असम और मेघालय के बीच 50 साल से जारी सीमा विवाद अब सुलझता नजर आ रहा है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आज सीमा विवाद को सुलझाने वाले समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Conrad Sangma) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. 

Advertisement

समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमित शाह ने बताया कि 50 साल से चल रहा असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद सुलझ गया है. 12 विवादित जगहों में से 6 का विवाद सुलझा लिया है. शाह ने कहा कि बाकी 6 जगहों का विवाद भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. 

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि अब हमारा टारगेट अगले 6-7 महीनों में बाकी जगहों का विवाद सुलझाने का है. 

लेकिन ये विवाद था क्या?

- 1972 में असम से अलग होकर मेघालय को बनाया गया था. तभी से दोनों राज्यों के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा था. असम और मेघालय 885 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं. 

- दोनों राज्यों के बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद था. इन 12 जगहों पर असम और मेघालय दोनों ही अपना-अपना दावा करते थे.

Advertisement

- सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई बार हिंसक झड़प भी हो चुकी है. पिछले साल अगस्त में दोनों राज्यों के लोग भिड़ गए थे. पुलिस भी आमने-सामने आ गई थी.

ये भी पढ़ें-- Explainer: कश्मीर-पंजाब और पूर्वोत्तर के इन राज्यों में अब हिंदुओं को मिल सकता है अल्पसंख्यक का दर्जा, जानिए कहां कितनी है आबादी

किन 12 जगहों को लेकर था विवाद?

असम और मेघालय के बीच जिन 12 जगहों को लेकर विवाद था, उनमें ऊपरी ताराबारी, गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, हाहिम, लंगपीह, बोरदुआर, बोकलापारा, नोंगवा, मातमूर, खानापारा-पिलंगकाटा, देशदेमोरिया ब्लॉक I और ब्लॉक II, खंडुली और रेटाचेरा शामिल हैं.

तो क्या सुलझ गया पूरा विवाद?

- अभी पूरा विवाद नहीं सुलझा है. 12 में से 6 जगहों का विवाद सुलझा है. जिन 6 जगहों को लेकर विवाद सुलझा है, वो 36.79 वर्ग किमी का इलाका है. ये 6 जगह असम के कछार, कामरूप, कामरूप मेट्रोपोलिटन और मेघालय के पश्चिमी खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जैनतिया हिल्स जिले में स्थित हैं.

- दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन हुआ था. इसी साल जनवरी में कमेटी ने विवाद सुलझाने के लिए सिफारिशें दी थीं.

- अभी जो विवाद सुलझा है वो हाहिम, गजांग, ताराबारी, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रेटाचेरा से जुड़ा है. इन जगहों के 18.51 वर्ग किमी हिस्सा असम और 18.28 वर्ग किमी का हिस्सा मेघालय को मिला है.

Advertisement

- दोनों राज्यों के बीच अब भी लंगपीह, बोरदुआर, नोंगवा, मातमूर, देशदेमोरिया ब्लॉक I और ब्लॉक II और खंडुली में विवाद बना हुआ है. हालांकि, अमित शाह का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच 70% सीमा विवाद सुलझ गया है.

- दोनों राज्यों के बीच बड़ा विवाद लंगपीह को लेकर था. अंग्रेजों के शासन में लंगपीह असम के कामरूप जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन आजादी के बाद ये पश्चिमी खासी हिल्स का हिस्सा बन गया, जो बाद में मेघालय में चला गया. असम दावा करता है कि ये उसके मिकिर हिल्स का हिस्सा है.

- इसके अलावा दोनों के बीच ब्लॉक I और ब्लॉक II को लेकर भी बड़ा विवाद है. ये दोनों अभी असम के हिस्से हैं, लेकिन मेघालय दावा करता है ये दोनों उसके हिस्से हैं जो खासी और जैनतिया जिले में पड़ते हैं. लंगपीह और ब्लॉक I, ब्लॉक II का विवाद अभी सुलझा नहीं है.

ये भी पढ़ें-- Explainer: चंडीगढ़ के कर्मचारियों को सेंट्रल पूल में लाने से क्या कुछ बदलेगा, क्यों विपक्ष इसे बता रहा पंजाब से राजधानी छीनने वाला कदम?

असम-मेघालय के हिस्से में क्या आया?

1. हाहिमः ये कुल 3.51 वर्ग किमी का इलाका है. इसका 0.3 वर्ग किमी हिस्सा असम और 3.21 वर्ग किमी हिस्सा मेघालय को मिला है.

Advertisement

2. गजांगः ये 13.53 वर्ग किमी का इलाका है, जिसका 10.63 वर्ग किमी हिस्सा असम और 2.9 वर्ग किमी हिस्सा मेघालय के पास गया है.

3. ताराबारीः ये 4.69 वर्ग किमी का इलाका है. ये पूरा का पूरा मेघालय के पास चला गया है. 

4. बोकलापाराः ये पूरा 1.57 वर्ग किमी का इलाका है. इसका 1.01 वर्ग किमी असम और 0.56 वर्ग किमी मेघालय के हिस्से में आया है.

5. खानापारा-पिलंगकाटाः इसके 2.29 वर्ग किमी इलाके में से 1.79 वर्ग किमी असम को और 0.5 वर्ग किमी मेघालय को मिला है.

6. रेटाचेराः ये पूरा इलाका 11.2 वर्ग किमी का है. इसका 4.78 वर्ग किमी असम और 6.42 वर्ग किमी मेघालय के पास गया है.

किन लोगों पर पड़ेगा असर?

- हाल ही में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने विधानसभा में बताया था कि जिन 6 जगहों को लेकर विवाद सुलझाने पर सहमति बनी है, उनमें 36 गांव आते हैं. इनमें से 30 गांव मेघालय के हिस्से में गए हैं. 

- संगमा ने बताया था कि ताराबारी के सभी 8 गांव मेघालय के हिस्से में रहेंगे. वहीं, पश्चिमी खासी हिल्स के गजांग में स्थित 3 में से 2 गांव मेघालय को मिलेंगे. हाहिम के 12 में से 11 गांव भी मेघालय को मिलेंगे.

Advertisement

- खानापारा-पिलंगकाटा इलाके का पिलंगाकाटा, मैकोली और बारापथर मेघालय में आएगा, जबकि खानापारा और ड्रीमलैंड रिसॉर्ट असम के पास रहेगा.

- सीएम संगमा के मुताबिक, पथरकुची मेघालय में रहेगा. वहीं, मैकुली का मामवारी बील असम और वहां का कब्रिस्तान मेघालय को मिलेगा. साथ ही ब्रह्मपुत्र रियलटर्स क्षेत्र मेघालय के पास रहेंगे.

- उन्होंने बताया था कि पूर्वी जैनतिया हिल्स जिले का मालिदोर, रेटाचेरा और अंपायरडेट भी मेघालय में रहेगा. यहां के दो गांव असम के पास जाएंगे.

असम के कई राज्यों से सीमा विवाद

- असम के अपने पड़ोसी राज्यों से सीमा विवाद है. पिछले साल असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था. दोनों राज्यों के बीच कई दिनों तक तनाव बना रहा था. बाद में केंद्र के दखल से तनाव कम हुआ था. हालांकि, विवाद अभी सुलझा नहीं है. 

- मिजोरम के अलावा असम का अरूणाचल प्रदेश और नागालैंड के साथ सीमा विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. मेघालय के साथ अभी भी 6 जगहों को लेकर विवाद बना हुआ है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement