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PM Shri Scheme: जानिए क्या है पीएम श्री स्कीम, कैसे भारत के हजारों स्कूलों में बदलेगी शिक्षा की तस्वीर?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई केंद्र प्रायोजित योजना 'पीएम श्री स्कूल' को मंजूरी दी है. पीएम श्री स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों को मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान करेंगे. वर्ष 2022-23 से 2026 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 27360 करोड़ रुपये की लागत से पीएम श्री प्रोजेक्ट को लागू किया जाएगा.

पीएम श्री योजना से स्कूल होंगे अपग्रेड पीएम श्री योजना से स्कूल होंगे अपग्रेड
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:48 AM IST

देश के भविष्य बच्चों की बुनियाद को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत देशभर के 14500 स्कूलों को पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा. पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई केंद्र प्रायोजित योजना 'पीएम श्री स्कूल' को मंजूरी दी है. पीएम श्री स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों को मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान करेंगे. दरअसल, वर्ष 2022-23 से 2026 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 27360 करोड़ रुपये की लागत से पीएम श्री (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना प्रोजेक्ट को लागू किया जाएगा. 

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इसकी मुख्य विशेषताएं-

• पीएम श्री एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा, जो बच्चों की विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी जरूरतों और विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ख्याल रखेगा और साथ ही उन्हें अपनी स्वयं की सीखने की प्रक्रिया में भी भागीदार बनाएगा.  

• पीएम श्री के अंतर्गत स्कूल अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य स्कूलों को मेंटरशिप प्रदान करके उसका नेतृत्व करेंगे. 

• पीएम श्री स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त, जल संरक्षण और संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं / प्रथाओं का अध्ययन जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलुओं को शामिल किया जाएगा.  

• इन स्कूलों में अपनाई गई शिक्षाशास्त्र अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, खेल/खिलौना-आधारित (विशेषकर, मूलभूत वर्षों में) पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख,  चर्चा-आधारित, लचीला और मनोरंजक होगा. 

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• प्रत्येक क्लास में प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों पर ध्यान दिया जाएगा. सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ और वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग पर आधारित होगा और योग्यता आधारित होगा. 

• प्रत्येक डोमेन के लिए उपलब्ध संसाधनों और उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयुक्तता और उपयोग के संदर्भ में उनकी प्रभावशीलता और उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का आकलन किया जाएगा और अंतराल को व्यवस्थित और नियोजित तरीके से भरा जाएगा. 

• रोजगार बढ़ाने और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योग के साथ जुड़ाव का पता लगाया जाएगा. 

• इसके जरिए स्कूल गुणवत्ता आकलन ढांचा (एसक्यूएएफ) विकसित किया जा रहा है. मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर इन स्कूलों का गुणवत्ता मूल्यांकन भी किया जाएगा.  

कैसे होगा चयन? 

पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें स्कूल अनुकरणीय स्कूल बनने के लिए समर्थन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं. स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा. योजना के पहले दो वर्षों के लिए पोर्टल वर्ष में चार बार, प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा.  

प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-5 / 1-8) और माध्यमिक / वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 1-10 / 1-12 / 6-10 / 6-12) केंद्र / राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों / स्थानीय स्व- यूडीआईएसई+ कोड वाले स्कूलों को योजना के तहत चयन के लिए विचार किया जाएगा. चयन निश्चित समय सीमा के साथ तीन चरणों वाली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जो इस प्रकार है: - 

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चरण-1: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने नई शिक्षा नीति को संपूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जताते हुए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें केंद्र ने पीएम श्री स्कूलों के रूप में गुणवत्ता आश्वासन प्राप्त करने के लिए इन स्कूलों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्धताओं को निर्धारित किया. 

चरण-2: इस चरण में, यूडीआईएसई+ डेटा के माध्यम से निर्धारित न्यूनतम बेंचमार्क के आधार पर पीएम श्री स्कूलों के रूप में चुने जाने के योग्य स्कूलों की पहचान की जाएगी. 

चरण-3: यह चरण कुछ मानदंडों को पूरा करने के लिए चुनौती पद्धति पर आधारित है. उपरोक्त पात्र में से केवलचुनौती की शर्तों को पूरा करने वाले स्कूल ही प्रतिस्पर्धा करेंगे. शर्तों की पूर्ति राज्यों/केवीएस/जेएनवी द्वारा भौतिक निरीक्षण के माध्यम से प्रमाणित की जाएगी. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केवीएस/जेएनवी स्कूलों द्वारा रिपोर्ट किए गए दावों का सत्यापन करेंगे और मंत्रालय को स्कूलों की सूची की सिफारिश करेंगे. 

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