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गाम्बिया और उज्बेकिस्तान के बाद अब माइक्रोनेशिया में मिला भारत में बना नुकसानदायक सिरप, कंपनी ने दी सफाई

गाम्बिया और उज्बेकिस्तान के बाद अब माइक्रोनेशिया में भारत में बना नुकसानदायक सिरप मिला है. Guaifenesin सिरप का इस्तेमाल छाती में कफ जमा होने और खांसी के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है.

माइक्रोनेशिया में मिला दूषित कफ सिरप (सांकेतिक फोटो) माइक्रोनेशिया में मिला दूषित कफ सिरप (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST

गाम्बिया और उज्बेकिस्तान के बाद अब माइक्रोनेशिया में भारत निर्मित नुकसानदायक सिरप मिला है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को कहा कि एक भारतीय कंपनी द्वारा तैयार किया गया नुकसानदायक कफ सिरप मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया में पाया गया है. इस सिरप Guaifenesin Syrup TG Syrup की सूचना छह अप्रैल को WHO को दी गई थी.  

इस नुकसानदायक सिरप को पंजाब की क्यूपी फार्माकेल लिमिटेड ने तैयार किया है और इसकी मार्केटिंग कंपनी हरियाणा की ट्रिलियम फार्मा है. WHO ने कहा कि आजतक न तो निर्माता और न ही मार्केटर की ओर से उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी दी है.  

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Guaifenesin सिरप का इस्तेमाल छाती में कफ जमा होने और खांसी के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है. ऑस्ट्रेलिया के Therapeutic Goods Administration (TGA) की क्वालिटी कंट्रोल लैबोरेटरी ने मार्शल आइलैंड्स से Guaifenesin Syrup TG Syrup के सैंपल की जांच की. इसमें पाया गया कि डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा खतरनाक रूप से ज्यादा थी.  

एजेंसी ने कहा कि दूषित पदार्थ, डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल इंसान के लिए जहरीले होते हैं और सेवन करने पर घातक साबित हो सकते हैं. WHO के मुताबिक, ये उत्पाद असुरक्षित है और विशेष रूप से बच्चों में इसके उपयोग से गंभीर बीमारी या मौत भी हो सकती है. इसके दुष्प्रभाव से पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में दिक्कत, सिरदर्द और मानसिक स्थित और गुर्दे में बीमारी हो सकती है, जिससे मौत भी हो सकती है. हालांकि, WHO ने यह नहीं बताया कि Guaifenesin के सेवन से कोई मौत हुई है.  

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कंपनी के एमडी की आई सफाई 

वहीं क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुधीर पाठक ने कहा कि पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को संदेह है कि किसी ने भारत सरकार को बदनाम करने के लिए कंबोडिया भेजे गए उत्पाद (खांसी की दवाई) की नकल की है और फिर इसे मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया में बेच दिया है. एफडीए विभाग ने जांच के लिए कंबोडिया भेजे गए कफ सिरप के सैंपल ले लिए हैं. कफ सिरप की कुल 18,336 बोतलें भेजी गईं.  

जानलेवा सिरप से 300 से अधिक बच्चों की मौत 

बता दें कि बीते साल गाम्बिया, इंडोनेशिया और उज्बेकिस्तान में दूषित और नुकसानदायक सिरप पीने से 300 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इनमें ज्यादातर बच्चे 5 साल से कम की उम्र के थे. बताया गया  कि इस सिरप से गुर्दे डैमेज हुए, जिससे बच्चों की मौत हुई. 

 

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