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कभी शीला दीक्षित के सलाहकार थे... जानिए कौन हैं पवन खेड़ा, जिनकी गिरफ्तारी पर मचा घमासान

पवन खेड़ा पत्रकारिता करते हुए कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित के संपर्क में आए. शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं तो पवन खेड़ा उनके निजी सचिव रहे. शीला दीक्षित के साथ रहते हुए उन्होंने सियासी हुनर सीखे. 2013 से लेकर 2019 तक शीला दीक्षित के साथ काम किया. दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस और शीला दीक्षित के हटते ही 2013 में पवन खेड़ा कांग्रेस के साथ सीधे तौर पर जुड़ गए.

पवन खेड़ा (फोटो-पीटीआई) पवन खेड़ा (फोटो-पीटीआई)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया. पवन खेड़ा रायपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय अधिवेशन में शिरकत करने जा रहे थे, तभी उन्हें फ्लाइट से नीचे उतार लिया गया. इस कार्रवाई को लेकर सियासत गरमा गई है. इसके विरोध में फ्लाइट में मौजूद दूसरे कांग्रेस नेता भी विमान से उतरकर धरने पर बैठ गए. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं पवन खेड़ा?

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पवन खेड़ा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता को लेकर विवादित बयान दिया था. असम, उत्तर प्रदेश समेत कई जगह पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अब पवन खेड़ा पर इस एक्शन को इसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस ने बताया कि खेड़ा रायपुर जाने वाली फ्लाइट में बैठ चुके थे, फिर उन्हें सामान की जांच कराने के बहाने उतरने को कहा गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके रायपुर अधिवेशन में बाधा पहुंचाने के लिए पवन खेड़ा को गिरफ्तार करवाया है.

कभी शीला दीक्षित के निजी सचिव थे खेड़ा
पत्रकारिता करते हुए पवन खेड़ा कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित के संपर्क में आए. शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं तो पवन खेड़ा उनके निजी सचिव रहे. शीला दीक्षित के साथ रहते हुए उन्होंने सियासी हुनर सीखे. 2013 से लेकर 2019 तक शीला दीक्षित के साथ काम किया. दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस और शीला दीक्षित के हटते ही 2013 में पवन खेड़ा कांग्रेस के साथ सीधे तौर पर जुड़ गए. 

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कांग्रेस के साथ जुड़ने के बाद उन्हें राजनीतिक रूप से पहचान मीडिया पैनालिस्ट के तौर पर न्यूज चैनल की बहस में हिस्सा लेने से मिली. शीला दीक्षित के सचिव रहते हुए वह पर्दे के पीछे से काम करते थे, लेकिन मीडिया डिबेट में जाने में पार्टी के पक्ष को मजबूती से रखने पर वह चर्चित चेहरे बन गए. हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं पर उनकी जबरदस्त पकड़ है और तर्कों के साथ अपनी बात को रखते हैं. इससे पवन खेड़ा को एक नेता के तौर पर दिल्ली ही नहीं, बल्कि देशभर में भी पहचान मिली. 

कांग्रेस ने पवन खेड़ा को पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी और उसके बाद उन्हें पार्टी कम्युनिकेशंस डिपार्टमेंट में मीडिया और पब्लिसिटी सेल का चेयरमैन नियुक्त किया. कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के अहम मुद्दों पर होने वाली प्रेस कॉफ्रेंस को पवन खेड़ा संबोधित करते हुए नजर आते हैं. इसी कड़ी में अडानी के मुद्दे पर प्रेस कॉफ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र 'गौतम दास' मोदी को क्या दिक्कत है? 

हालांकि, बयान देने के बाद पवन खेड़ा ने अपने आसपास मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री का मिडिल नेम सही पुकारा है? उनके इसी बयान को लेकर सियासत गरमा गई, जिस पर यूपी के कई शहरों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. माना जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी भी इसी वजह से हुई है.

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