Advertisement

कौन हैं ED के डायरेक्टर संजय मिश्रा? जिनका कार्यकाल बढ़ाने पर छिड़ा है विवाद

संजय मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं. संजय मिश्रा को आर्थिक विशेषज्ञ भी कहा जाता है और इनकम टैक्स के कई मामलों की जांच में अहम भूमिका भी निभा चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें ईडी चीफ नियुक्त किया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने उनके कार्यकाल को बढ़ाने का आदेश रद्द कर दिया है.

ED चीफ संजय मिश्रा ED चीफ संजय मिश्रा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:14 PM IST

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार केंद्र सरकार को बड़ा झटका तब दे दिया जब ED चीफ संजय मिश्रा को तीसरा एक्सटेंशन देने का आदेश रद्द कर दिया गया. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि ED चीफ का तीसरी बार एक्सटेंशन सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी निदेशक का तीसरी बार सेवा विस्तार अवैध और कानून में अमान्य है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन को सही माना है.

Advertisement

कोर्ट ने इस दौरान कहा कि संजय मिश्रा 31 जुलाई 2023 तक इस पद पर बने रहेंगे. ताकि सुचारू परिवर्तन और सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सके, क्योंकि आने वाले समय में एफएटीएफ की समीक्षा होनी है. विपक्ष लगातार इस सेवा विस्तार का विरोध कर रहा था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्सटेंशन के आदेश को रद्द करने के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि संजय मिश्रा कौन हैं, जिन्हें लेकर इतना बवाल मचा हुआ है. 

कौन हैं ED चीफ संजय कुमार मिश्रा?

संजय मिश्रा संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं. संजय मिश्रा को आर्थिक विशेषज्ञ भी कहा जाता है और इनकम टैक्स के कई मामलों की जांच में अहम भूमिका भी निभा चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें ईडी चीफ नियुक्त किया गया था. ईडी चीफ बनने से पहले मिश्रा दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर पद पर तैनात थे. बता दें कि संजय मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर 2018 को दो साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. उन्हें नवंबर, 2020 में पद छोड़ना था, लेकिन इससे पहले मई में वे 60 साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गए थे. नवंबर 2020 में उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल 2 साल की जगह बढ़ाकर तीन साल कर दिया था.

Advertisement

इसके बाद केंद्र सरकार नवंबर 2021 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम के साथ-साथ दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाई थी, इसके तहत सीबीआई और ईडी चीफ को 1-1 साल के तीन सेवा विस्तार देने का प्रावधान है. बाद में यह संसद में भी पारित हो गया. 

एक के बाद एक मिले एक्सटेंशन

इसके बाद नवंबर 2021 में ही संजय मिश्रा को दूसरी बार एक साल के लिए सेवा विस्तार मिला था. इसके बाद नवंबर 2022 में केंद्र सरकार ने तीसरी बार संजय कुमार मिश्रा को एक साल का एक्सटेंशन दिया था. इसके मुताबिक संजय मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2023 को खत्म होना था. लेकिन इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने एक्सटेंशन के आदेश को रद्द कर दिया.

 

विभाग से लेकर नेतानगरी तक पसंद किए जाते हैं संजय मिश्रा 

जानकारी के मुताबिक संजय मिश्रा ना सिर्फ सत्ता के गलियारों में पसंद किए जाते हैं, बल्कि अपने विभाग में भी उनके काम को काफी सराहा जाता है. संजय मिश्रा ने उन लोगों के नामों की लिस्ट जुटाने में अहम भूमिका निभाई, जिनके जेनेवा के HSBC बैंक में खाते थे. इस बैंक के खाताधारकों पर आरोप है कि अघोषित आय छिपाने के लिए विदेशी बैंक में पैसे जमा कराए.

Advertisement

इनकम टैक्स विभाग में निभा चुके हैं अहम जिम्मेदारी

इसके पहले इनकम टैक्स विभाग में रहते हुए संजय मिश्रा नेशनल हेराल्ड के उसी मामले की जांच कर चुके हैं, जिसमें राहुल गांधी जांच के घेरे में हैं. इसके अलावा संजय मिश्रा NDTV के इनकम टैक्स से जुड़े केस भी जांच कर चुके हैं. फिलहाल ED के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा की टेबल पर कुछ अहम केस हैं. उनमें सबसे हाई प्रोफाइल केस नेशनल हेराल्ड केस है, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ होती रहती है.

कई अहम मामलों की कर रहे जांच

इसके अलावा INX मीडिया केस, जिसमें पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर केस है.3,600 करोड़ रुपये का VVIP चॉपर स्कैंडल भी उनकी लिस्ट में है. वहीं जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी उनके पास है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस. इसके अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर केस है भी उनकी टेबल पर है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement