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30 साल से फरार, PAK में अड्डा... हिजबुल के आका सलाहुद्दीन की कुंडली जिसके कुनबे पर हो रहा ताबड़तोड़ एक्शन

सलाहुद्दीन 1993 में पाकिस्तान भाग गया था. मोदी सरकार ने अक्टूबर 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. वह पाकिस्तान से ही अपने संगठन को ऑपरेट कर रहा है और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है. वह पाकिस्तान के 13 आतंकी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का भी प्रमुख है. 

सैयद सलाहुद्दीन सैयद सलाहुद्दीन
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन और उसके परिवार पर एनआईए ने ताबड़तोड़ एक्शन लिया है. NIA ने जम्मू कश्मीर के नरसिंह गढ़, मोहल्ला राम बाग, श्रीनगर में स्थित सैयद सलाहुद्दीन और उसके बेटे अहमद शकील की संपत्तियों को कुर्क कर लिया. सैयद सलाहुद्दीन घोषित आतंकवादी है और उसके खिलाफ एनआईए ने यह कार्रवाई यूएपीए एक्ट के तहत की है.

 

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30 साल से पाकिस्तान में है सलाहुद्दीन

सलाहुद्दीन 1993 में पाकिस्तान भाग गया था. मोदी सरकार ने अक्टूबर 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. वह पाकिस्तान से ही अपने संगठन को ऑपरेट कर रहा है और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है. वह पाकिस्तान के 13 आतंकी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का भी प्रमुख है. 


पाकिस्तान में रहकर भारत में आतंक फैला रहा सलाहुद्दीन

भारत में खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के अलावा सलाहुद्दीन अपने संगठन की आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हवाला और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग चैनलों के माध्यम से भारत में धन जुटाता रहा है. 

सैयद सलाहुद्दीन का पूरा नाम सैयद मोहम्मद युसूफ शाह है. उसका जन्म 1946 में कश्मीर घाटी के बडगाम के सोईबग में हुआ था. उसके पिता भारत सरकार में डाक विभाग में काम करते थे. सलाहुद्दीन यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से पढ़ाई के दौरान जमात-ए-इस्लामी के संपर्क में आया और जम्मू-कश्मीर शाखा का सदस्य बन गया. 

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सलाहुद्दीन ने 1987 में जम्मू और कश्मीर से मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर श्रीनगर की अमीरा कदल सीट से चुनाव लड़ा था. इसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस मामले में सलाहुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. 1989 में जेल से रिहा होने के बाद उसने हिजबुल मुजाहिदीन का गठन किया. जून 2017 में अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. 

पाकिस्तान में नजर आया था सलाहुद्दीन

सलाहुद्दीन हाल ही में पाकिस्तान में हिजबुल के लॉन्चिंग कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम के जनाजे में शामिल हुआ था. इतना ही नहीं उसने जनाजे का नेतृत्व किया था. सैयद सलाहुद्दीन ने इम्तियाज के जनाजे की नमाज भी अदा की.
 


 
जम्मू कश्मीर के रहने वाले आतंकी बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह हिजबुल मुजाहिदीन से ही जुड़ा हुआ था. इम्तियाज आलम को भारत सरकार ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत आतंकी घोषित कर रखा था. बशीर अहमद पीर जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबरपोरा का रहने वाला था. 

सलाहुद्दीन के कुनबे पर हो रहा एक्शन

सलाहुद्दीन के दोनों बेटे तिहाड़ जेल में बंद हैं. इन्हें अक्टूबर 2017 और अगस्त 2018 में टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. दोनों के खिलाफ सलाहुद्दीन के सहयोगियों और हिजबुल मुजाहिदीन के सक्रिय सदस्यों से फंडिंग लेने के मामले में चार्जशीट दाखिल हुई थी. 

- सलाहुद्दीन का एक बेटा अहमद शकील सरकारी अस्पताल, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में टेक्नीशियन था. जबकि दूसरा बेटा जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग में काम कर रहा था. दोनों को बाद में बर्खास्त कर दिया गया. 

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- अब सलाहुद्दीन के बेटे शकील की जम्मू कश्मीर में संपत्ति जब्त कर ली गई है. 

 

 

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