
मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ दो डिप्टी सीएम और 13 मंत्रियों ने शपथ ली. 52 वर्षीय मोहन चरण माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री चुने गए हैं और प्रदेश में पहली बीजेपी सरकार का नेतृत्व करेंगे. वह चार बार के विधायक हैं और क्योंझर से चुनाव जीते हैं. माझी का राजनीतिक सफर सरपंच के चुनाव से शुरू होकर मुख्यमंत्री पद तक आ पहुंचा है. वे 1997 से राजनीति में हैं.
दरअसल, इस बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर बहुमत हासिल किया. इसी के साथ राज्य में 24 साल बाद बीजेडी सत्ता से बाहर हुई. बीजेपी को 147 सीटों में 78 सीटें मिलीं. नवीन पटनायक साल 2000 से लगातार 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वो इस पद पर 24 साल और 98 दिन तक रहे. अब प्रदेश में पहली बार बीजेपी सरकार बनने पर माझी मुख्यमंत्री बने हैं.
मोहन चरण माझी खनिज संपन्न केंदुझर जिले के एक मजबूत और तेजतर्रार आदिवासी नेता हैं. वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और ओडिशा विधानसभा में अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं. उनको बीजेपी का एक विश्वनीय सदस्य और एक मज़बूत सांगठनिक नेता माना जाता है. माझी ने 2011 में ढेंकनाल लॉ कॉलेज उत्कल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट एलएलबी और 2011 में सैम होइगॉन बोहोम इंस्टीट्यूट एट टेक्नोलॉजी एंड साइंस से एमए किया है.
पिता थे चौकीदार, खुद रहे टीचर
मोहन चरण माझी एक साधारण परिवार से आते हैं और राजनीति में आने से पहले क्योंझर के झुमपुरा में अपने इलाके में सरस्वती शिशु मंदिर में टीचर थे. वहीं बीजेपी का कहना है कि उनके पिता एक चौकीदार थे. राजनीति के अपने सुनहरे दिनों में वे सरपंच बने. 2005-2009 तक वे सरकारी उप मुख्य सचेतक के रूप में कार्यरत रहे. वे ओआरवी अधिनियम के तहत एससी और एसटी की स्थायी समिति के सदस्य भी रहे हैं. वे पिछले कार्यकाल में विपक्ष के मुख्य सचेतक थे.
मोहन माझी के चुनावी हलफनामे के अनुसार 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से हायर सेकेंडरी और 1990 में आनंदपुर कॉलेज से 12वीं पास की. उन्होंने क्योंझर के चंपुआ स्थित चंद्रशेखर कॉलेज से बीए की डिग्री और ढेंकनाल लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की है. माझी अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं और सभी को साथ लेकर चलने और आगे बढ़ने के लिए जाने जाते हैं. वह आम आदमी की छवि में भी फिट बैठते हैं, जिसका इस्तेमाल अक्सर राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए करते हैं.
स्पीकर पर फेंकी कच्ची दाल
ओडिशा में भाजपा द्वारा उन्हें सदन का नेता चुनने के पीछे एक कारण उनकी साफ-सुथरी छवि और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका रुख भी है. माझी को 2023 में कथित तौर पर 700 करोड़ रुपये के दाल घोटाले के विरोध में स्पीकर पर कच्ची दाल फेंकने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि उन्होंने दाल फेंकने से इनकार किया, लेकिन दावा किया कि उन्होंने इसे विरोध के तौर पर पेश किया था.
माझी आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैं और एक प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं. उन्हें सीएम बनाकर बीजेपी ओडिशा और पड़ोसी आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में आदिवासी समुदाय तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जहां 2024 में चुनाव होने हैं.
RSS से मजबूत संबंध
माझी के आरएसएस से भी मजबूत संबंध हैं. माझी का राजनीतिक करियर दो दशकों से अधिक का है. जनसाधारण से जुड़ने की उनकी क्षमता, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में, ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई है. चार बार के विधायक के रूप में उन्हें राज्य की शासन प्रणाली की गहरी समझ है और उन्होंने इस क्षेत्र के लिए भाजपा की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
करीब 2 करोड़ की संपत्ति के मालिक
MyNeta.info पर विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान इलेक्शन कमीशन को दिए गए हलफनामे के मुताबिक, मोहन चरण माझी ने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा पेश किया था. ओडिशा के नए सीएम के पास ग्रेजुएट डिग्री है और उन्होंने अपने कुल चल-अचल संपत्ति करीब 1.97 करोड़ रुपये बताई थी. इसके साथ ही उन्होंने इस हलफनामे में अपनी देनदारियों का खुलासा भी किया और बताया कि उनके ऊपर 95.58 लाख रुपये का कर्ज है. अलग-अलग 9 बैंक खातों में पति-पत्नी के नाम पर 10.92 लाख रुपये जमा हैं. उनकी पत्नी के नाम पर एसबीआई में एक फिक्स्ड डिपॉजिट (SBI FD) है, जो 51 लाख रुपये की है.
2021 में कार पर फेंके गए थे बम
ओडिशा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्य सचेतक रहे मोहन चरण माझी की कार पर 2021 में क्योंझर जिले में अज्ञात हमलावरों ने बम फेंके थे, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे. ये धमाका क्योंझर कस्बा थानांतर्गत मंडुआ इलाके में तब हुआ था जब बीजेपी विधायक श्रमिक संघ की बैठक में भाग लेकर घर लौट रहे थे. माझी ने FIR दर् राते हुए मोटरसाइकिल सवार बदमाशों पर दो देसी बम फेंकने का आरोप लगाया था. उन्होंने उस समय की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी के स्थानीय नेताओं पर हमल कराने के आरोप लगाए थे.