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कौन हैं भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय? जिन्हें कनाडा की ट्रूडो सरकार ने किया है निष्कासित

1997 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी पवन कुमार राय निष्कासित होने से पहले कनाडा में भारतीय खुफिया प्रमुख के रूप में कार्यरत थे. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद पवन कुमार राय को निष्कासित किया गया है.

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार को निष्कासित कर दिया है. (फोटो- साभार) कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार को निष्कासित कर दिया है. (फोटो- साभार)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 20 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:25 AM IST

खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के मामले में दो देशों में दूरियां बढ़ गई हैं. भारत और कनाडा आमने-सामने आ गए हैं. कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जिस अफसर पर आरोप लगाया है, उसका नाम भी लीक कर दिया गया है. आईपीएस अधिकारी का नाम पवन कुमार राय है. वो 1997 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में कनाडा में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में स्टेशन प्रमुख के रूप में कार्यरत थे.

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बता दें कि भारत ने मंगलवार को खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया है और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया है. इतना ही नहीं, जैसे को तैसा की कार्रवाई में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को पांच दिन के अंदर भारत छोड़कर जाने का फरमान सुना दिया है. फिलहाल, इस मामले के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है. हालांकि नई दिल्ली ने उस कनाडाई राजनयिक का नाम नहीं बताया, जिसे भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. जानकारों का कहना है कि नई दिल्ली में कनाडाई खुफिया एजेंसी के प्रमुख ओलिवियर सिल्वेस्टर पर एक्शन लिया गया है.

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं आईपीएस पवन कुमार राय

आईपीएस अधिकारी पवन कुमार राय 1 जुलाई 2010 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. दिसंबर 2018 में उन्हें विदेश मंत्रालय (MEA) के संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया और उन्होंने कैबिनेट सचिवालय में निदेशक के रूप में भी कार्य किया. अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से पहले उन्होंने पंजाब के ​​अमृतसर में सीआईडी पुलिस अधीक्षक के रूप में जिम्मेदारी संभाली. बाद में जुलाई 2008 में उन्हें जालंधर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में पदोन्नत किया गया. राय को आईजी पुलिस के पद पर पदोन्नत किया गया और जनवरी, 2023 में एडीजीपी के रूप में पदोन्नत किए गए थे. उन्होंने शिक्षा में बीटेक किया और अक्टूबर 2030 तक सेवाकाल है.

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कनाडा सरकार ने लीक किया भारतीय डिप्लोमेट का नाम

कनाडाई ब्रॉडकास्टर सीबीसी न्यूज के अनुसार, विदेश मंत्री मेलानी जोली के कार्यालय ने कहा कि जिस राजनयिक को कनाडा छोड़ने का आदेश दिया गया है, वह रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख पवन कुमार राय हैं. भारतीय खुफिया अधिकारी के निष्कासन की कनाडा की सार्वजनिक घोषणा को 'दुर्लभ' मामले के रूप में देखा जा रहा है. चूंकि ऐसे मुद्दों को आम तौर पर विवेकपूर्ण तरीके से संभाला जाता है.

निज्जर की जून में गोली मारकर हत्या हुई थी

बताते चलें कि हरदीप सिंह निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और आतंकवादी घोषित कर रखा था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तरफ से निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. 18 जून 2023 में निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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'खालिस्तानी समूह के दबाव में आई ट्रूडो सरकार?'

मंगलवार को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने  निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका होने का आरोप लगाया. उसके बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने 'शीर्ष भारतीय राजनयिक' पवन राय कुमार को निष्कासित कर दिया. हालांकि, कनाडाई पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के संबंध में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. जानकारों का कहना है कि कनाडा सरकार ने यह फैसला संभवत: खालिस्तानी समूहों के दबाव को कम करने के लिए लिया है. भारत में ट्रूडो ने खालिस्तानी कट्टरपंथियों के खिलाफ बयान जारी किया था, जिसके बाद खालिस्तानी समूह कथित तौर पर ट्रूडो से नाराज चल रहे थे. निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं. 

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'ट्रूडो के बयान से नाराज थे खालिस्तानी समर्थक?'

खालिस्तानी समर्थकों ने पोस्टर और बैनर के जरिए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा, भारत के काउंसिल जनरल अपूर्व श्रीवास्तव समेत भारतीय राजनयिकों को खुलेआम धमकी दी है. हालांकि, कनाडाई अधिकारियों ने अभी तक खालिस्तानी कट्टरपंथियों और मंदिरों में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. कनाडा स्थित एक भारतीय ने आजतक को बताया, भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का कदम कुछ और नहीं, बल्कि खालिस्तानी चरमपंथियों को लुभाने का एक प्रयास है जो जस्टिन ट्रूडो से नाराज थे. जी20 शिखर सम्मेलन में भारत आए ट्रूडो ने खालिस्तानी उग्रवाद के बारे में बयान दिया था. उन्होंने कहा था, कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं. 

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'भारत ने कनाडा सरकार के बयान को किया खारिज'

इस बीच, भारत सरकार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कनाडा सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा, हमने कनाडा के प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को देखा है और उसे खारिज करते हैं. विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता के आरोप 'बेतुके और प्रेरित' हैं. इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय प्रदान किया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. इस मामले पर कनाडाई सरकार की लंबे समय से निष्क्रियता चिंता का विषय रही है.

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