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राहुल गांधी ने शेयर किया स्कूली छात्र सुदर्शन का वीडियो, अपने पिता राजीव गांधी को भी किया याद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने एक सुदर्शन नाम के बच्चे से मुलाकात की. इस मुलाकात का वीडियो खुद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. राहुल जिस बच्चे से मिले वो जवाहर नवोदय स्कूल का छात्र है. राहुल ने उससे कई मुद्दों पर बात की. सुदर्शन बड़े होकर IAS अधिकारी बनना चाहता है.

सुदर्शन के साथ राहुल गांधी सुदर्शन के साथ राहुल गांधी
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 16 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. वे लगातार कई लोगों से मिलते हैं. इनमें से कुछ की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है. अब तक की यात्रा के दौरान राहुल गांधी की ऐसी कई तस्वीरें सामने आ चुकी हैं जिन्हें कि लोग पसंद कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एक सुदर्शन नाम के बच्चे से मुलाकात की. इस मुलाकात का वीडियो खुद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया.

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राहुल ने शेयर किया वीडियो

राहुल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, हाल ही में, मैं सुदर्शन से मिला. वो जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ता है और एक आईएएस अधिकारी बनना चाहता है, ताकि वो लोगों की मदद कर सके. साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया गया जिसमें कि वो बच्चे से एनर्जेटिक रूप में मिलते हैं. राहुल बच्चे से उनके स्कूल के बारे में पूछते हैं और उनके फ्यूचर गोल्स के बारे में भी बात की. 

नवोदय विद्यालय के छात्र से मिले राहुल

बता दें कि जवाहर नवोदय विद्यालय का सिद्धांत 'प्रज्ञानं ब्रह्म' है. इसका मतलब है ज्ञान सर्वोच्च है, क्योंकि अच्छी शिक्षा से समाज में आर्थिक और सामाजिक रूप से सभी को समान भाव से देखने की क्षमता है.

राजीव गांधी ने की JNV की शुरुआत 

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राहुल ने लिखा कि मुझे गर्व है कि इतने प्रतिभाशाली लेकिन वंचित बच्चों की शिक्षा का समर्थन करने के लिए स्कूलों की यह श्रृंखला मेरे पिता स्वर्गीय राजीव गांधी जी द्वारा शुरू की गई थी. उन्होंने लिखा शिक्षा का असली मतलब सिर्फ ग्रेड और डिग्री नहीं है, बल्कि चरित्र का विकास भी है, जो कि एक बच्चे में मूल्यों और सिद्धांतों को विकसित करने से आता है.

नवोदय को लेकर राहुल ने उठाई ये मांग

राहुल गांधी आगे लिखते हैं कि समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि परिवर्तन के बीज जमीनी स्तर पर बोए जाएं. इस सोच को आगे बढ़ाते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय आशा की किरण साबित हुए हैं. हमें जवाहर नवोदय स्कूलों की संख्या बढ़ाकर, हर जिले में कम से कम 3 करनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.

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