
कोवैक्सीन (covaxin vaccine) को लेकर आज का दिन अहम होने वाला है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में डब्ल्यूएचओ की स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स (SAGE) की आज मंगलवार को होने वाली बैठक में भारतीय वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है. कोवैक्सीन को अगर मंजूरी मिलती है तो 5 अहम फायदे होंगे.
भारत में पिछले कई महीने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है लेकिन WHO की ओर से अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है. हालांकि भारत बायोटेक ने कई महीने पहले ही इसको लेकर अप्लाई कर दिया था और जरूरी डॉक्युमेंट्स भी जमा कर दिए थे. अब माना जा रहा है कि आज डब्ल्यूएचओ की बैठक में मंजूरी दी जा सकती है.
भारत बायोटेक इस संबंध में आज प्रजेंटेशन भी देगा. कोवैक्सिन पर चर्चा के लिए 90 मिनट आवंटित की गई है. यह बैठक बंद दरवाजे में होगी.
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मंजूरी मिली तो क्या होंगे 5 फायदे
विश्व स्वास्थ्य संगठन बैठक की शुरुआत आज दोपहर पौने 3 बजे के करीब शुरू होगी. इसी बैठक में तय हो सकता है कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन इस्तेमाल को हरी झंडी मिलती है या नहीं. बैठक में कोवैक्सीन के क्लीनिकल डेटा 1, 2, 3 पर और सेफ्टी, एफिकेसी और इफेक्टिवनेस को लेकर चर्चा होगी.
कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने की दिशा में न सिर्फ देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई फायदे हो सकते हैं. मंजूरी मिलने की सूरत में वैक्सीन की विदेश में सप्लाई का रास्ता साफ हो सकेगा. साथ में इस वैक्सीन को लगवाने वालों के विदेश यात्राओं का रास्ता भी साफ हो जाएगा. इसके अलावा विदेश में ट्रायल का रास्ता खुलेगा.
मंजूरी मिलने की स्थिति में चौथा फायदा यह होगा कि भारत डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन सप्लाई सिस्टम कोवैक्स में ज्यादा योगदान दे सकेगा. और उत्पादन में विदेशी पार्टनर्स को भी शामिल कर उत्पादन तेज किया जा सकेगा.
भारत बायोटेक ने भेजे आंकड़े
भारत बायोटेक ने पिछले महीने 17 सितंबर को कहा था कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन से संबंधित सभी डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) को सौंप दिया है और हम उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. डब्ल्यूएचओ फिलहाल में वैक्सीन निर्माता द्वारा प्रस्तुत किए आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है.
तब भारत बायोटेक ने ट्वीट कर कहा था, 'कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा जून महीने में ही पूरी तरह से कंपाइल और उपलब्ध करवाया गया था. सभी डेटा को आपातकालीन इस्तेमाल सूची (ईयूएल) के आवेदन के लिए जुलाई की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ को भेज दिया गया था. हमने संगठन द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का भी जवाब दिया अब आगे की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.'
कंपनी की ओर से यह भी कहा गया कि एक जिम्मेदार निर्माता के रूप में मंजूरी की प्रक्रिया और इसकी समयसीमा पर किसी तरह की अटकलें या टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. कंपनी ने बताया कि हम डब्ल्यूएचओ की मंजूरी जल्द से जल्द पाने के लिए पूरी लगन से काम कर रहे हैं.