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अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बीच कांग्रेस की 'गुगली', संसद में बिना बोले भी चर्चा में क्यों रहे राहुल गांधी?

लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने से ऐन पहले कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से बाकायदा बताया गया था कि राहुल गांधी आज सदन में बोलेंगे. लेकिन राहुल गांधी नहीं बोले. कांग्रेस ने इसे अपनी रणनीति पर बताया, लेकिन इससे कांग्रेस को क्या हासिल हुआ? अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी जी का भाषण होगा. सत्ता पक्ष वाले राहुल गांधी के भाषण से गुगली खा गए.

संसद में मौन रहे राहुल संसद में मौन रहे राहुल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 6:40 AM IST

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और विपक्ष दोनों ही तैयारियों में जुट गए हैं. दोनों गुटों की ओर से रणनीतियां बन रही हैं. ऐसे में संसद को दोनों पक्ष बड़ा मंच मान रहे हैं. ऐसे में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को लोकसभा में चर्चा शुरू हुई. जिस तरह से क्रिकेट के मैच में विरोधी टीम को दबाव में लाने के लिए सरप्राइज का इस्तेमाल किया जाता है. वैसा ही मंगलवार को लोकसभा में देखा गया. जब राहुल गांधी की जगह गौरव गोगोई बोलने उठे, तो सत्ता पक्ष हैरान रह गया. कांग्रेस ने इसे गुगली बताया.

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संसद में इस चर्चा के दौरान एकनाथ शिंदे के बेटे ने अचानक हनुमान चालीसा पढ़कर सबको हैरान कर दिया. संसद में नारायण राणे और उद्धव गुट के सांसदों की बहस भी वायरल हो गई. लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा चर्चा में तो राहुल गांधी ही रहे. जिन्हें सुनने के लिए विपक्ष से ज्यादा सत्ता पक्ष तैयारी के साथ आया था. इसीलिए जब राहुल नहीं बोले तो वो बिफर गया. दरअसल राहुल गांधी INDIA के बैनर तले सरकार के खिलाफ पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस की शुरुआत करने वाले थे, लेकिन आखिरी मौके पर कांग्रेस ने फैसला बदल दिया. जबकि लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने से ऐन पहले कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से बाकायदा बताया गया था कि राहुल गांधी आज सदन में बोलेंगे. अब सवाल ये है कि आखिर अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी सदन में क्यों नहीं बोले?

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आखिरी मिनट पर कांग्रेस ने फेंकी गुगली?

कांग्रेस ने इसे अपनी रणनीति पर बताया, लेकिन इससे कांग्रेस को क्या हासिल हुआ? अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी जी का भाषण होगा. सत्ता पक्ष वाले राहुल गांधी के भाषण से गुगली खा गए. लेकिन सवाल है कि राहुल गांधी को पहले बोलने से रोककर कांग्रेस ने कौन सी गुगली फेंकी है? क्योंकि राहुल गांधी सदन में मौजूद रहे, उन्होंने गौरव गोगोई का भाषण ध्यान से सुना. कई बार उनके समर्थन में मेज भी थपथपाई. लेकिन एक भी शब्द नहीं बोला. 

इसके बाद जब भाजपा के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने अलग ही तर्क दिया. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, 'मैं सोच रहा था कि राहुल गांधी बोलेंगे, क्योंकि तरह की खबरें आ रही थीं, लेकिन लगता है कि राहुल गांधी आज तैयार नहीं थे. देर से उठे होंगे तो नहीं बोल पाए कोई बात नहीं.' बीजेपी की तरफ से आने वाले इन बयानों से साफ है कि वो सदन में राहुल को घेरने की तैयारी के साथ आए थे, लेकिन जब लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी सदन में चर्चा का विषय बन गए और शुरुआत में ही सत्ता पक्ष को कांग्रेस पर हल्ला बोलने का मौका मिल गया. 

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राहुल के नाम पर हंगामा, लेकिन राहुल मौन रहे...

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि जहां तक मैं जानता हूं, सुबह ऑफिस में एक चिट्ठी आई थी कि राहुल गांधी बोल रहे हैं. सुबह 11.15 पर चिट्ठी आई. अब 12 बजे क्या हो गया. हम राहुल गांधी को सुनने के लिए उत्साहित हैं. इसके जवाब में गौरव गोगोई ने कहा, क्या हो रहा है, क्या दर्खास्त दी गई है, आप इस सदन के रक्षक हैं, आपके दफ्तर के अंदर क्या बातचीत हुई है, क्या हम बताएं कि प्रधानमंत्री जी
ने आपके दफ्तर के अंदर क्या बातें कही हैं.

तो संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने तंज कसा, इसे लेकर स्पीकर के दफ्तर में आई चिट्ठी का हवाला दिया जिस पर कांग्रेस भड़क गई और गौरव गोगोई बोल गए कि क्या हम बताएं कि पीएम मोदी ने आपके दफ्तर में क्या-क्या बातें की हैं? इस पर प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वो चिट्ठी सार्वजनिक हो चुकी है. लेकिन गौरव गोगोई के आरोप पर गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए और कुछ देर तक शोरगुल होता रहा. इसके बाद अमित शाह ने स्पीकर ओम बिरला से कहा कि माननीय अध्यक्ष जी बताना चाहिए. ये गंभीर आरोप है. तभी प्रहलाद जोशी ने कहा कि पीएम का नाम लेकर ऐसे आरोप नहीं लगा सकते. इस तरह लोकसभा में बहस की शुरुआत में हंगामा हुआ जिसके केंद्र में राहुल गांधी रहे. फिर भी राहुल नहीं बोले और चुपचाप अपने साथियों का भाषण सुनते रहे. लेकिन एक भी शब्द नहीं बोले. 

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जिस दिन पीएम होंगे तभी बोलेंगे राहुल? 

बताते चलें कि मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त यानी गुरुवार को जवाब देंगे. माना जा रहा है कि उसी दिन राहुल गांधी भी बोल सकते हैं. कांग्रेस इसे सोची समझी रणनीति बता रही है, जिसके जरिए वो मोदी के सामने राहुल को प्रोजेक्ट करना चाहती है. लेकिन अगर संसद में 5 साल पहले का इतिहास दोहराया गया तो फिर कांग्रेस को ये दांव उल्टा पड़ सकता है. संसद में राहुल गांधी की वापसी से कांग्रेस का जोश हाई है और वो संख्याबल न होने हुए भी सरकार को घेरना चाहती है. 

संसद में हुआ क्या?

दरअसल इस बार संसद सत्र में विपक्षी गठबंधन मणिपुर पर चर्चा की मांग करता रहा है. इसी के बीच अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और इसी अविश्वास प्रस्ताव के बहाने कांग्रेस को बोलने का मौका मिला, जिसके जरिए उसने ये संदेश दिया कि वो उत्तर पूर्व को कितनी तवज्जो देती है. राहुल गांधी बोलते तो शायद मणिपुर के मुद्दे पर उतना असर नहीं पड़ता. गौरव असम से सांसद है उनके जरिए ये संदेश दिया गया, जिन्होंने मणिपुर को लेकर सीधे प्रधानमंत्री को घेरा. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर पर पीएम की चुप्पी के तीन कारण तक गिनाए.

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गौरव गोगोई ने पिच तैयार की, राहुल आगे की बैटिंग करेंगे...

माना जा रहा है कि अब राहुल गांधी प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए मणिपुर के मुद्दे को आगे बढ़ाएंगे. जैसा कि कांग्रेस की तरफ से बताया गया कि राहुल का पहले न बोलना एक रणनीति का हिस्सा है. पार्टी को पता था कि प्रधानमंत्री मोदी सदन में नहीं हैं, इसलिए राहुल के पहले न बोलने का ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है. जिस वजह से कांग्रेस ने आखिरी चरण में अपनी रणनीति बदल दी.

कांग्रेस ने इस बीच प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक ट्वीट भी किया. इसमें कांग्रेस की ओर से कटाक्ष करते हुए लिखा गया, 'दौड़ा दौड़ा, भागा भागा सा'. अब सवाल ये है कि राहुल गांधी संसद में कब बोलेंगे. इस सवाल पर राहुल का कार्यक्रम काफी कुछ कहता है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले राहुल गांधी सदन में अपनी बात रख सकते हैं. उम्मीद है राहुल गांधी 10 अगस्त को चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं. तब प्रधानमंत्री भी सदन में मौजूद होंगे. उम्मीद है कि उसी दिन राहुल गांधी मणिपुर, महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेर सकते हैं.

मोदी बनाम राहुल बनाने की कोशिश?

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कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि 2024 के आम चुनाव से पहले राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी की सीधी फाइट का संसद से बेहतर मंच दूसरा नहीं होगा. वैसे भी बुधवार को राहुल गांधी राजस्थान के बांसवाड़ा जा रहे हैं, जहां पर उनकी लोकसभा सदस्य बहाली के बाद पहली बड़ी जनसभा है.

राहुल के जवाब में स्मृति ईरानी को उतारेगी भाजपा

लोकसभा में मंगलवार को जिस तरह से गौरव गोगोई के आरोपों का जवाब केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दिया, उसी तरह राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने के लिए माना जा रहा है उन्हें स्मृति ईरानी घेरते हुए नजर आएं. लेकिन सबकी नजरें प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी पर होंगी, जिनके बीच पिछले अविश्वास प्रस्ताव में तीखी नोंकझोंक हुई थी.

गौरतलब है कि 5 साल पहले मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने अचानक ही पीएम मोदी को जाकर गले लगा लिया था. पीएम मोदी को गले लगाने के बाद जब राहुल गांधी विपक्ष की बेंच के पास लौटने लगे तो विपक्षी सदस्य उनकी हौसलाअफजाई करते दिखे. लेकिन जैसे ही राहुल पीएम मोदी को गले लगाकर अपनी सीट पर बैठे उन्होंने अपने साथी सांसदों को देखकर आंख मारी. राहुल की झप्पी वाली बात पर तो पीएम मोदी ने कुछ नहीं कहा लेकिन उनके आंखों वाले इशारे पर तंज कसा था. पीएम नरेंद्र मोदी ने 2018 में कहा था कि आंखों की बात करने वालों की हरकतें आज टीवी पर पूरा देश देख रहा है. कैसे आंख खोली जा रही है, कैसे बंद की जा रही है. 

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राहुल के बोलने से लेकर हावभाव पर सबकी नजर

2018 में लोकसभा में पीएम ने कहा था कि आज आंखों ने जो किया, वह पूरे देश ने देखा है. इसलिए सदन में पीएम नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला करने वाले राहुल इस बार प्रधानमंत्री को क्या सरप्राइज देंगे, ये देखना दिलचस्प होगा. क्योंकि कभी पीएम मोदी को जादू की झप्पी तो कभी आंखों के इशारे करने वाले राहुल विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की अगुवाई अपने कंधों पर उठा सकते हैं. जिनका मुकाबला सीधे प्रधानमंत्री से होगा.

पिछले करीब चार महीने से अपनी सदस्यता जाने के बाद से राहुल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. INDIA गठबंधन बनने के बाद राहुल देश में बदलाव का दावा कर रहे हैं. ऐसे में लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने का मौका राहुल के लिए अपनी बात रखने के लिए सबसे बड़ा मंच होगा. जहां राहुल के हाव भाव से लेकर उनके भाषण पर सभी की नजर रहेगी.

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