Advertisement

'मैं बोल रहा हूं तो बीच में मत बोलिए...', आखिर CJI को वकील पर क्यों आया गुस्सा?

मामले की सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यू नेदुंबरा को चीफ जस्टिस ने फटकार भी लगाई, क्योंकि उन्होंने सेक्रेट्री जनरल को ईमेल कर कहा था कि कोर्ट को संविधान पीठ की बजाय जनता से जुड़ा ये मसला जल्दी सुनकर निपटाना चाहिए. मामले की सुनवाई के दौरान मैथ्यू नेदुंबरा ने कहा कि इस कोर्ट में सामान्य वकील की बात नहीं सुनी जाती है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो) CJI डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:59 PM IST

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग मोड में सुनवाई बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. मामले को चीफ जस्टिस से संज्ञान में लाते हुए वकील ने कहा कि हाइकोर्ट ने वर्चुअल तरीके से सुनवाई करना बंद कर दी है. इससे लोगों की दिक्कत काफी बढ़ गई है. चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते हुए वकील का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए शुक्रिया. इस दिशा में हम कदम उठाएंगे.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने देश की सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब है कि क्यों वर्चुअल सुनवाई बंद की जा रही है. इस मामले की सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यू नेदुंबरा को चीफ जस्टिस ने फटकार भी लगाई, क्योंकि उन्होंने सेक्रेट्री जनरल को ईमेल कर कहा था कि कोर्ट को संविधान पीठ की बजाय जनता से जुड़ा ये मसला जल्दी सुनकर निपटाना चाहिए. मामले की सुनवाई के दौरान मैथ्यू नेदुंबरा ने कहा कि इस कोर्ट में सामान्य वकील की बात नहीं सुनी जाती है. 

इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं हालांकि इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने मुझे आपके ईमेल की बाबत सूचित किया है, जिसमें कहा गया है कि संविधान पीठ को मामले नहीं सुनने चाहिए. नेदुंबरा ने बीच में ही बात काटते हुए कहा- सिर्फ साधारण मुकदमे. इससे नाराज हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने डांटते हुए कहा कि जब मैं बोल रहा हूं तो बीच में मत बोलिए.
आपको शायद पता नहीं है कि संवैधानिक मामले क्या होते हैं. आपको क्या लगता है कि अनुच्छेद 370 का मुद्दा कोई मायने वहीं रखता? 

Advertisement

उन्होंने कहा कि आपको भले लगता हो कि इसका संविधान से संबंध नहीं है  लेकिन याचिकाकर्ताओं और सरकार को ऐसा नहीं लगता. सभी संविधान पीठ के सामने संवैधानिक मसले ही आते हैं. गुरुवार को भी संविधान पीठ के सामने हजारों ड्राइवर्स का मसला था, जिन पर लाइसेंस छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है. हम वो मसला सुन रहे हैं. हमने सरकार को भी कहा कि उससे सामाजिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा. इसलिए हम आपको कह रहे हैं कि इस ख्याल से बाहर निकलिए. इस 370 मामले में कई हस्तक्षेप याचिकाएं व्यक्तिगत रूप से प्रभावित लोगों ने दाखिल की हैं. इसलिए हमने उस मामले को सुना. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement