
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में इंडिया अलायंस की बैठक में नाराजगी की खबरों को खारिज किया है. नीतीश ने साफ किया है कि वो शुरुआत से अपने रुख पर कायम हैं. मुझे किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं चाहिए. मैं सिर्फ आगे की प्रक्रिया में तेजी आए, इसी को लेकर पहल करता हूं. उन्होंने कहा कि मुझे संयोजक बनाने की बात हुई थी, लेकिन मैंने खुद इंकार कर दिया. मेरी कोई इच्छा नहीं है.
सोमवार को बिहार के सीएम पटना में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
बता दें कि 19 दिसंबर को विपक्षी पार्टियों ने दिल्ली में INDIA गठबंधन की चौथी बैठक की. इसमें 28 पार्टियां शामिल हुईं. इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का प्रधानमंत्री चेहरा बनाए जाने का प्रस्ताव रखा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. बाद में संयुक्त प्रेस वार्ता हुई, उसमें नीतीश की गैरमौजूदगी को लेकर कयासबाजी तेज हो गई. कहा गया कि नीतीश नाराज होकर समय से पहले बैठक छोड़कर चले गए.
'कोई पद को लेकर कोई इच्छा नहीं'
अब दिल्ली बैठक के छह दिन बाद नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी है और उस दिन बैठक में क्या-क्या हुआ था, उसके बारे में सिलसिलेवार जानकारी दी है. नीतीश ने साफ किया है कि मेरी कोई इच्छा नहीं थी. संयोजक बनाए जाने की बात हुई तो मैंने खुद कहा कि मेरी कोई इच्छा नहीं है. हम तो चाहते हैं कि सब लोग एकजुट होकर रहें.
'नाराजगी जैसी बातें गलत हैं'
नीतीश ने सीट शेयरिंग को लेकर आगे कहा, मीटिंग में हमने कह दिया है कि हर राज्यों का तय कर लीजिएगा, सब एक कर लीजिएगा. फिर सब लोग बैठेंगे और तय हो जाएगा. फिर जिसको जहां सीट मिलेगी, वो वहां चुनाव लड़ेगा. यही हम कहते आ रहे हैं. नाराजगी जैसी बातें गलत हैं. जरा भी नाराज नहीं हैं. हमने कह दिया है कि जिनको जो बनाना है, उसे बनाइए, लेकिन मेरी कोई इच्छा नहीं है.
'हम कहीं कुछ नहीं बोलते हैं'
नीतीश ने कहा, हम यह बात शुरू से बोल रहे हैं. लेकिन क्या कीजिएगा. कुछ से कुछ बोल देते हैं. हम कहीं कुछ नहीं बोलते हैं. सिवाय तेजी से आगे की प्रक्रिया के अलावा.
'अटल जी का मेरे प्रति प्रेम था'
नीतीश कुमार ने कहा, आज अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन है. अटल जी के साथ हम लोगों का पुराना संबंध रहा है. उनसे ज्यादा अच्छे संबंध रहे हैं. उन्होंने मुझे अपनी कैबिनेट में जगह दी. तीन विभागों की जिम्मेदारी दी. इतना मानते थे. फिर यहां का मुख्यमंत्री बनाया. उनका मेरे प्रति प्रेम था. बहुत मानते थे. उनके प्रति मेरा आदर का भाव है और ये आदर का भाव मेरे जीवन भर रहेगा. वो जितने दिन भी प्रधानमंत्री रहे हैं, कभी किसी दूसरे धर्म वालों को दिक्कत नहीं होती थी. बहुत अच्छे ढंग से सब कुछ चलाते थे. हम लोगों का तो उनसे लगाव है. हमारा लगाव बना रहेगा. उनका इतना अच्छा काम था. मीटिंग में मेरे प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करते थे.
'हमारी पार्टी कोई इधर-उधर नहीं'
सुशील मोदी के विलय की खबरों पर नीतीश ने कहा, कौन-क्या बोलता है, हम ध्यान नहीं देते हैं. क्योंकि आजकल अंड-बंड बोलते हैं, ताकि उनको लाभ मिले. लेकिन छोड़िए. हमारी पार्टी में सब कुछ ठीक है. कोई इधर-उधर नहीं है. सब लोग एकजुट हैं. हम सब लोग एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. सीट शेयरिंग पर नीतीश और तेजस्वी यादव ने कहा, सब कुछ समय पर होगा.