Advertisement

क्या से क्या हो गया, सुबह चुनौती देने वाले राकेश टिकैत शाम को क्यों रोए?

वादाखिलाफी की वजह से किसान नेता कटघरे में हैं और इनके पास बचाव का कोई रास्ता नहीं दिख रहा. शायद यही वजह है कि प्रशासन सख्ती के साथ इन पर एक्शन के मूड में है. राकेश टिकैत गुरुवार दिन में सरकार और प्रशासन को लगातार चुनौती देते दिखे लेकिन शाम होते-होते उनकी आंखों से आंसू निकल आए.

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (PTI) भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:35 AM IST
  • हिंसा मामले में राकेश टिकैत को नोटिस मिला
  • कई किसान संगठन आंदोलन खत्म कर चले गए
  • हिंसा के लिए राकेश टिकैत पर लग रहे आरोप

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ आंदोलन कर रहे राकेश टिकैत गुरुवार दिन में सरकार और प्रशासन को लगातार चुनौती देते दिखे लेकिन शाम होते-होते यह किसान नेता खुद को रोक नहीं सका और उनकी आंखों से आंसू निकल आए. मोर्चे पर डटे रहने वाले किसान नेता राकेश टिकैत को शाम को क्यों रोना पड़ गया.

आखिर उनके रोने की वजह क्या है. माना जा रहा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसानों का मनोबल टूटा है और आंदोलन कमजोर हुआ है. गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ही 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की अगुवाई कर रहे थे और जबरन लाल किला तक पहुंच गए. कई किसान संगठन हिंसा के बाद आंदोलन का साथ छोड़ गए. लाल किले पर जो कुछ हुआ उसके लिए राकेश को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है.

Advertisement

इस बीच ऐसे कई वीडियो भी सामने आए जिसमें वह किसानों को भड़काने की कोशिश करते दिखे. पुलिस की ओर से रोकने के बावजूद प्रदर्शनकारी जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की. वीडियो में दिख रहे हैं कि राकेश टिकैत आते हैं और तैनात महिला पुलिसकर्मियों से हटने को कहते हैं. हिंसा के बाद वह यह कहते हैं कि पुलिस प्रशासन ने लाल किले पर इन लोगों पर गोली क्यों नहीं चलाई.

वादाखिलाफी की वजह से किसान नेता कटघरे में हैं और इनके पास बचाव का कोई रास्ता नहीं दिख रहा. शायद यही वजह है कि प्रशासन सख्ती के साथ इन पर एक्शन के मूड में है.

दिन में दिल्ली पुलिस का नोटिस
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद आज गुरुवार को दिन में दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को नोटिस थमाया. दिल्ली पुलिस के अधिकारी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और नोटिस दिया. नोटिस पर राकेश टिकैत ने कहा कि वो इसका जवाब भी जल्द देंगे.

Advertisement

राकेश टिकैत को दिए नोटिस में दिल्ली पुलिस की ओर से जवाब मांगा गया है. पुलिस का कहना है कि आपने इस बात पर हामी भरी थी कि ट्रैक्टर परेड तय रूट पर निकलेगी, साथ ही परेड के दौरान शांति होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

'हिंसा शब्द हमारी डिक्शनरी में नहीं'
इसके बाद राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया और दिल्ली में हुई हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने किसानों को अपने जाल में फंसाया. हिंसा से आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई है.

राकेश टिकैत ने अपने भाषण में यह भी कहा कि अगर सरकार को इस आंदोलन को नहीं चलने देना है तो यहां से हमें गिरफ्तार करे. किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने उल्टे-सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है. हिंसा का शब्द हमारी डिक्शनरी में ना है और ना रहेगा. लाल किले में जो कुछ भी हुआ उससे आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई. उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी चाल में कामयाब हो गया. 

LIVE: टिक गए टिकैत, गाजीपुर बॉर्डर पर सख्त एक्शन के मूड में नहीं सरकार

हिंसा की जांच कराए सुप्रीम कोर्टः राकेश
इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस की ओर से बिजली-पानी समेत कई बुनियादी सुविधाओं को हटा दिया गया. भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई. 

Advertisement

इस बार किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने भाषण में कहा कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में हुई हिंसा की जांच कराए. लाल किले पर कौन लोग थे इसकी भी जांच की जाए. साथ ही उनके कॉल रिकॉर्ड की जांच कराई जाए और पिछले 2 महीने के कॉल रिकॉर्ड की जांच हो. उन्होंने यह भी कहा कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले लोग आंदोलनकारी नहीं हैं. तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं है.

गाजीपुर-सिंघु-टिकरी बॉर्डर पर पुलिस की बढ़ी हलचल, ट्रैफिक डायवर्ट
 
बातचीत करते रो पड़े राकेश टिकैत
आजतक से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत भावुक हो गए. रोते हुए उन्होंने कहा कि पहले वह गिरफ्तारी देना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के विधायक के लोगों ने हमारे लोगों के साथ मारपीट की है. हमारे लोगों को रास्ते में पीटने की योजना बना रखी है. उन्होंने कहा कि अब हम यहां से नहीं जाएंगे. यहीं बैठेंगे.

देखें: आजतक LIVE TV

यही नहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने खुदकुशी की भी धमकी दी. आजतक से बातचीत में रोते हुए राकेश टिकैत ने कहा, 'अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा. मुझे कुछ भी हुआ तो प्रशासन जिम्मेदार होगा.' उन्होंने कहा, 'मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा. किसानों का मारने की साजिश रची जा रही है. यहां अत्याचार हो रहा है.' सभी सुविधाएं हटाए जाने से नाराज टिकैत ने कहा, मैं गाजियाबाद का पानी नहीं पीऊंगा. गांव के लोग पानी लेकर आएंगे तब मैं पीऊंगा.'

Advertisement

गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत पुलिस-प्रशासन पर गलत कार्रवाई का आरोप लगाते हुए रो पड़े, जिसको लेकर मुजफ्फरनगर में उनके समर्थकों में नाराजगी है. उनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को सुबह 11 बजे राजकीय इंटर कॉलिज में महापंचायत बुलाई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement