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वायनाड लैंडस्लाइड को क्यों 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित नहीं किया जा सकता?, UPA सरकार ने बताई थी वजह

वायनाड आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की विपक्ष की मांग के बीच UPA सरकार द्वारा संसद में दिए गए जवाब की एक कॉपी सामने आई है. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने सदन को बताया था कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है.

वायनाड में भूस्खलन से मची तबाही. (फाइल फोटो) वायनाड में भूस्खलन से मची तबाही. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

केरल में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण 300 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. बीते दिनों संसद में वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठ रही है. इस मांग को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उठाया था. विपक्ष पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता वी मुरलीधरन ने अपने सोशल मीडिया पर यूपीए सरकार में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन द्वारा दिए गए बयान को शेयर किया है, जिसमें बताया गया था कि सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत ऐसी कोई भी अवधारणा मौजूद नहीं है, जिसकी वजह से प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए.

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दरअसल, साल 2013 में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन UPA की सरकार थी. तब विपक्ष ने एक प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी. उस वक्त तत्कालीन गृह राज्यमंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने अपने जवाब में कहा कि सरकार के दिशानिर्देशों के तहत प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई नियम नहीं है.

विपक्ष की मांग पर उस वक्त तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि भारत सरकार गंभीर प्राकृतिक आपदा का फैसला मामले-दर-मामले के आधार पर करती है. इसमें अन्य बातों के साथ-साथ आपदा की तीव्रता और परिणाम, राहत सहायता का स्तर, समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार की क्षमता को भी ध्यान में रखा जाता है.

यह भी पढ़ें: PM मोदी ने किया वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे, घायलों से मिलने जाएंगे अस्पताल

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प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में तत्काल राहत और प्रतिक्रिया सहायता पहली जिम्मेदारी है. वैसे तो कोई निश्चित निर्धारित नियम नहीं है. हालांकि, 'गंभीर प्रकृति' की आपदा के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन करने के बाद नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (NDRF) से अतिरिक्त सहायता पर भी विचार किया जाता है.

उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आवश्‍यक बचाव और राहत उपाय करने के लिए संबंधित राज्‍य सरकारें मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं.

PM ने किया वायनाड का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह केरल पहुंचे, जहां उन्होंने वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, राहत और लोगों के पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा की और अस्पताल का भी दौरा किया.  इस दौरान पीएम के साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद थे. 

बता दें कि 30 जुलाई, 2024 को केरल के वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में भारी बारिश के बाद बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था, जिससे भारी तबाही हुई. भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि 150 लोग अब भी लापता हैं. सीएम ने कहा कि मौत के अंतिम आंकड़ों की पुष्टि बरामद शवों के डीएनए टेस्ट के बाद हो पाएगी.

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