
लोकसभा चुनाव में प्रचार के बीच पश्चिम बंगाल में मछली को लेकर सियासत गरमा गई है. TMC सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खाना बनाने की पेशकश की तो विवाद खड़ा हो गया है. ममता ने कहा कि अगर वो (मोदी) चाहें तो मैं उनके लिए कुछ पकाने को तैयार हूं. हालांकि मुझे यकीन नहीं है कि वो मेरे हाथ से पकाए गए खाना को खाएंगे या नहीं. ममता की इस टिप्पणी पर बीजेपी से लेकर अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं आई हैं. बीजेपी ने इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिया है तो सीपीआई (एम) ने इसे दोनों (BJP-TMC) के बीच एक समझौता होने का दावा कर दिया है.
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने राजद नेता तेजस्वी यादव पर ऐसे समय मछली खाने पर तंज कसा था. जब हिंदू समुदाय मांसाहार के सेवन से परहेज करता है. सोमवार को ममता बनर्जी ने कहा, वो उनके (मोदी) के लिए कुछ पकाने के लिए तैयार हैं. अगर वो चाहते तो... हालांकि मुझे यकीन नहीं है कि वो जो पकाएंगी, उसे वो खाएंगे या नहीं.
'मुझे मोदी के लिए खाना पकाने पर खुशी होगी'
ममता ने चुनावी रैली में लोगों के खान-पान पर कथित तौर पर हस्तक्षेप करने पर बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा, मुझे मोदी के लिए खाना पकाने पर खुशी होगी, लेकिन मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि प्रधानमंत्री मेरे हाथ का बना खाना खाने के लिए तैयार होंगे या नहीं. ममता का कहना था, मैं बचपन से खाना पका रही हूं. लोग मेरे खाने की तारीफ करते हैं लेकिन क्या मोदी जी मेरा खाना स्वीकार करेंगे? क्या वो (मोदी) मुझ पर विश्वास करेंगे? उन्हें (मोदी) जो पसंद हो, मैं पकाऊंगी.
यह भी पढ़ें: बंगाल में TMC कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या, ममता सरकार ने CPM पर लगाया आरोप
'मुझे ढोकला और मछली करी दोनों पसंद हैं'
ममता ने कहा, मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन और माछेर झोल (मछली करी) जैसे गैर शाकाहारी भोजन दोनों पसंद हैं. हिंदुओं के विभिन्न समुदायों और विभिन्न संप्रदायों में अपने अनूठे रीति-रिवाज और खान-पान प्रचलन में हैं. बीजेपी कौन होती है किसी व्यक्ति के खान-पान पर रोक लगाने वाली? यह दर्शाता है कि बीजेपी नेतृत्व को भारत और यहां की विविधता और समावेशिता के बारे में बहुत कम जानकारी और समझ है.
'बीजेपी नेता बोले- ममता मछली चावल खिलाना चाहती हैं'
वहीं, प्रधानमंत्री के लिए खाना बनाने की ममता की पेशकश पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा, ममता बनर्जी, मोदी जी को अपने हाथ की बनी मछली और चावल खिलाना चाहती हैं. अच्छा प्रस्ताव है. लेकिन उससे पहले वो अपने विश्वस्त फिरहाद हकीम को क्यों नहीं खिलातीं? इससे तीन उद्देश्य पूरे होंगे. पहला, धर्म निरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगा. दूसरा, लोगों को पता चलेगा कि चैरिटी की शुरुआत घर से होती है और तीसरा, पकौड़े की भी प्रशंसा हो जाएगी.
यह भी पढ़ें: अधीर रंजन ने यूसुफ पठान को बताया बलि का बकरा, बोले- ममता ने अल्पसंख्यक वोट काटने के लिए उम्मीदवार बनाया
'ममता जानती हैं कि मोदी नॉनवेज नहीं खाते हैं'
बीजेपी नेता संकुदेब पांडा ने कहा, ममता बनर्जी जानबूझकर मोदी को भोजन का न्योता दे रही हैं, जबकि वो जानती हैं कि पीएम विशुद्ध रूप से शाकाहारी हैं. पांडा ने कहा, यह कुछ और नहीं, बल्कि उनकी एक चाल है. एक तरफ वो जानती हैं कि पीएम कभी मछली या कोई नॉनवेज नहीं खाएंगे. अगर वो मानती हैं कि हर किसी को उस खाने की अनुमति दी जानी चाहिए, जो वो खाना पसंद करता है तो क्यों वो किसी की आहार संबंधी आदतों के बारे में मोदीजी की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही हैं? वो कट्टर सनातनी हिंदुओं का अपमान कर रही हैं.
सीपीआई ने टीएमसी-बीजेपी के बीच संभावित समझौता कहा
ममता के बयान पर सीपीआई (एम) नेता विकास भट्टाचार्य ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, दादा-बॉन (भाई और बहन) होने के नाते ममता दीदी निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के लिए भोजन पकाने की पेशकश कर सकती हैं. मुझे नहीं पता कि यह उन्हें खुश करने के लिए है या नहीं. भट्टाचार्य बीजेपी और टीएमसी के बीच कथित गुप्त समझौते के संबंध में टिप्पणी कर रहे थे. दरअसल, वामदल और कांग्रेस यहां टीएमसी और बीजेपी के बीच गुप्ता समझौते का आरोप लगा रहे हैं. भट्टाचार्य ने कहा, ममता और मोदी दोनों ही देश को इस स्थिति में लाने के लिए जिम्मेदार हैं. दोनों राजनीति को धर्म के साथ मिला रहे हैं.
यह भी पढ़ें: 'राहुल बाबा, ममता दीदी, शरद पवार.... PM कौन बनेगा?', अमित शाह ने INDIA ब्लॉक को घेरा
टीएमसी बोली- ममता ने सही टिप्पणी की है
वहीं, टीएमसी ने पार्टी सुप्रीमो की टिप्पणी का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने (ममता) भारत की अनूठी धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता और विविधता में एकता के विषय पर बात की है. टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, उन्होंने सही बात कही और मोदी के बारे में उनकी टिप्पणी इस तथ्य पर आधारित है कि जैसे मोदी को अपनी पसंद का खाना खाने का अधिकार है, वैसे ही दूसरे लोगों को भी उतना ही अधिकार है.