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Explainer: बिट्टू बजरंगी गिरफ्तार, अब मोनू मानेसर की बारी! मेवात हिंसा में दोनों का क्या था रोल?

31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में निकाली गई ब्रजमंडल शोभायात्रा पर पथराव हुआ था.  देखते ही देखते यह दो समुदायों में हिंसा में बदल गई. इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई थी. बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था.

नूंह में 31 जुलाई को फैली थी हिंसा नूंह में 31 जुलाई को फैली थी हिंसा
aajtak.in
  • नूंह,
  • 16 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को फैली हिंसा के मामले में आरोपी बिट्टू बजरंगी मंगलवार को गिरफ्तार हो गया. बिट्टू को नूंह में हिंसा के दौरान महिला पुलिस अधिकारी के सामने हथियारों के साथ प्रदर्शन करने और नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. शिकायत के मुताबिक, उस वक्त बिट्टू के साथ 15-20 लोग मौजूद थे. नूंह में हिंसा के बाद से बिट्टू बजरंगी की गिफ्तारी की मांग हो रही थी. अब बिट्टू की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या हरियाणा पुलिस मोनू मानेसर को भी गिरफ्तार करेगी. 

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दरअसल, 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में निकाली गई ब्रजमंडल शोभायात्रा पर पथराव हुआ था.  देखते ही देखते यह दो समुदायों में हिंसा में बदल गई. सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई. साइबर थाने पर भी हमला किया गया. उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया था. नूंह के बाद सोहना में भी पथराव और फायरिंग हुई. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद हिंसा की आग नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई. नूंह हिंसा में दो होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौत हुई है.

बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर पर लगा हिंसा भड़काने का आरोप

हरियाणा के मेवात-नूंह इलाके में फैली हिंसा का संबंध गो-तस्करी से है. दरअसल, इसी साल फरवरी में हरियाणा के भिवानी में जली हुई बोलेरो में दो कंकाल मिले थे. मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के तौर पर हुई थी. ये दोनों कथित तौर पर गो तस्कर थे. इन दोनों की हत्या का आरोप मोनू मानेसर और उसके गोरक्षक साथियों पर लगा था. हालांकि, मोनू मानेसर अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ. नासिर और जुनैद की हत्या के बाद से मुस्लिम समुदाय में मोनू मानेसर के प्रति गुस्सा था.

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बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर (फाइल फोटो)

 

इसी बीच जुलाई में हिंदू संगठनों ने हर साल की तरह इस बार भी शोभायात्रा निकालने का ऐलान किया. यात्रा से कुछ दिन पहले मोनू मानेसर ने लोगों से बजरंग दल के सदस्यों द्वारा निकाली जाने वाली शोभा यात्रा में शामिल होने की अपील की थी. मोनू मानेसर ने कहा था कि वह इस शोभायात्रा में शामिल होगा, उसके साथ उसकी टीम भी शामिल होगी. हालांकि, मोनू शामिल नहीं हुआ. जबकि बिट्टू बजरंगी इसमें शामिल हुआ और उसने इसका वीडियो भी शेयर किया था. इसमें वह भगवा पोशाक में नजर आ रहा था. इसमें गाना भी बज रहा था, "गोली पे गोली चलेंगी, बाप तो बाप रहेगा". एक अन्य लाइव वीडियो में बिट्टू कहता है, "ये बोलेंगे कि बताया नहीं कि हम ससुराल आए और मुलाकात नहीं हुई फूल माला तैयार रखना, जीजा आ रहे हैं. बिलकुल 150 गाड़ियां हैं."

इस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गुस्सा जताया था. इतना ही नहीं मोनू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें न सिर्फ मोनू को आने की चुनौती दी गई थी, बल्कि धमकियां भी दी गई थीं. 

आरोपों पर बिट्टू और मोनू का क्या कहना है?

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बिट्टू बजरंगी ने आजतक को दिए इंटरव्यू में अपना भी पक्ष रखा था. इस दौरान बिट्टू ने बताया कि कैसे नूंह में हिंसा फैली? बजरंगी से जब पूछा गया कि ब्रज मंडल यात्रा के दौरान कुछ लोग तलवार लेकर पहुंचे थे, इस पर उन्होंने कहा, ये तलवारें पूजा के लिए थीं. बिट्टू बजरंगी ने आजतक से बातचीत में कहा था, हर साल की तरह इस साल भी हमने शोभा यात्रा निकाली थी. यात्रा का नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर तक और वहां से अन्य इलाकों में जाने का कार्यक्रम था. इसमें जिलेभर से कई महिलाएं, बच्चे और वृद्ध शामिल थे. हमने मंदिर में पूजा की, कीर्तन किए. यहां से वापस जाने का सिर्फ एक तरफ का रास्ता था. कारें वापस जाने लगीं, हम मुश्किल से 500 मीटर की यात्रा कर पाए थे, तभी हमने देखा कि उपद्रवियों ने कारों को आग लगा दी. 

बिट्टू बजरंगी ने कहा, हमने देखा कि सड़क के किनारे एक छोटी मस्जिद थी, जहां 200-250 लोग खड़े थे. उनके पास हथियार थे और वे खुले में फायरिंग कर रहे थे. बजरंगी ने कहा, जब दूसरी तरफ से फायरिंग होने लगी तो हमने यूटर्न लिया और वापस मंदिर में जाने का फैसला किया. हमें लगा कि हमारे लिए यही सुरक्षित होगा. मुझे अपने लिए डर नहीं लग रहा था. मैं महिलाओं और बच्चों के लिए डर रहा था. हम नहीं चाहते थे कि मणिपुर जैसा कोई हादसा हो. हम अपनी माताओं के लिए डरे हुए थे.

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वहीं, हिंसा के बाद मोनू ने आजतक से फोन पर बातचीत की थी. उससे पूछा गया कि नूंह में जो भी हिंसा भड़की है, उसमें आपका नाम सामने आ रहा है. उसने कहा- ये जो भी नाम ले रहे हैं, आपने जो भी वीडियो देखे हैं, उसमें कोई भड़काऊ चीज तो है नहीं. लेकिन जो भी गो तस्कर हैं जो वहां पर क्राइम करते हैं, ये सब उनका करा धरा है. साइबर क्राइम थाना फूंक दिया उन्होंने, सब उनकी बदौलत है ये. 

उससे पूछा गया कि जो पिछली साल घाटमीका की घटना हुई नासिर और जुनैद वाली. उसके बाद से पूरे इलाके में तनाव था, फिर ऐसे में आपका वीडियो आना, उसने उकसाने का काम करा है. उसने जवाब दिया- कोई उकसाने का काम नहीं किया, ना मैं उस यात्रा में गया क्योंकि हमारे अधिकारीगण थे. उस यात्रा में था ही नहीं, जो हमारे सुरेंद्र जी है, वीएचपी के बड़े अधिकारी हैं, उनपर भी सीधी फायरिंग की गई है तो उससे बड़ा दुर्भाग्य क्या है.

किन धाराओं में गिरफ्तार हुआ बिट्टू बजरंगी?

बिट्टू बजरंगी और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ थाना सदर नूंह में अवैध हथियार अधिनियम व आईपीसी की संगीन धाराओं 148/149/332/353/186/395/397/506 IPC के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था. जानकारी के मुताबिक बिट्टू बजरंगी व अन्य 15-20 लोगों ने नूंह में महिला पुलिस अधिकारी के सामने तलवार आदि हथियारों से प्रदर्शन कर नारेबाजी की थी. उसे पुलिस ने समझाया भी था लेकिन उग्र होकर उसने सरकारी काम में बाधा डाली. उधर, विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि राज कुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी, जिसे बजरंग दल कार्यकर्ता बताया जा रहा है, उसका बजरंग दल से कभी कोई संबंध नहीं रहा. उसके द्वारा कथित रूप से जारी किए गए वीडियो की सामग्री को भी विश्व हिन्दू परिषद उचित नहीं मानती. 

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बिट्टू के साथियों की तलाश 

बिट्टू बजरंगी को नूंह पुलिस ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया. पुलिस को अब तक उसके अन्य साथियों की तलाश है. पुलिस के पास उपलब्ध वीडियो से बिट्टू बजरंगी के साथियों को पहचान कर चिन्हित किया जा रहा है. इस वारदात में बिट्टू बजरंगी के साथ जो अन्य लोग थे उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा.

 

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