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सीवेज लाइन खोलेगी सांसद की हत्या के राज? बंगाल CID की मदद से सुराग जुटा रहे बांग्लादेशी जासूस

जांच के मुताबिक, बांग्लादेशी सांसद अनवारुल के बचपन के दोस्त अकतारुजमां शाहीन ने कारोबारी रंजिश के चलते सांसद की हत्या की योजना बनाई थी. शाहीन झेनईदह (Jhenaidah) का रहने वाला है. उसके पास अमेरिका की भी नागरिकता है. उसका भाई झेनईदह के कोटचांदपुर म्युनिसिपैलिटी का मेयर है. बता दें कि अनवारुल झेनईदह से ही सांसद थे.

बांग्लादेश के सांसद की कोलकाता में हत्या कर दी गई (फाइल फोटो) बांग्लादेश के सांसद की कोलकाता में हत्या कर दी गई (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

कोलकाता में बांग्लादेशी सांसद अनवारुल अजीम अनार के मर्डर केस की जांच अब भी जारी है. इस मामले में बंगाल सीआईडी और बांग्लादेश पुलिस मिलकर जांच कर रही है साथ ही पड़ोसी मुल्क के जासूस भी भारत आकर मामले की जांच में जुटे हैं. इस बीच बांग्लादेश जासूस विभाग के प्रमुख हारुन-उर-रशीद ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि उन्हें उस डुप्लेक्स फ्लैट से कुछ पुख्ता सबूत मिले हैं, जहां हत्या को अंजाम दिया गया था. अब इस फ्लैट के सीवेज लाइन की एक और बार जांच की जाएगी. यानी माना जा रहा है कि कोलकाता सीआईडी और बांग्लादेशी जासूसों को सीवेज लाइन से हत्या से जुड़े सबूत मिलने की उम्मीद है.

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केस की जांच के लिए भारत आए बांग्लादेश जासूसी विभाग के प्रमुख हारुनन राशिद ने मीडिया को बताया, "हमने पश्चिम बंगाल सीआईडी की मदद से उस डुप्लेक्स फ्लैट (हत्या की जगह) से जुड़ी सीवेज लाइन का निरीक्षण किया. हमने पूरी सीवेज लाइन को तोड़ने के लिए सीआईडी पश्चिम बंगाल से मदद ली. हम सीआईडी पश्चिम बंगाल मुख्यालय में पहले से ही आरोपी कसाई से पूछताछ कर रहे हैं."

बता दें कि हारुनन राशिद रविवार दोपहर को एक पुलिस टीम के साथ कोलकाता पहुंचे और सांसद की हत्या को "नृशंस, बर्बर हत्या" बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसी जघन्य योजनाबद्ध हत्या कभी नहीं देखी. अब मीडिया से बात करते हुए मंगलवार को उन्होंने कहा, "हमें कई डिजिटल सबूत भी मिले हैं और हम आरोपी कसाई का बयान भी दर्ज करेंगे. पूछताछ के बाद, हमने बांग्लादेश में पकड़े गए आरोपियों के साथ बयान का मिलान किया. हमें परिस्थितिजन्य सबूत भी मिले और हम इसका मिलान कर रहे हैं." 

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मुख्य आरोपी के अमेरिका भागने का शक 

बांग्लादेश के जासूसी विभाग प्रमुख ने कहा कि वह बांग्लादेश के सांसद की हत्या के पीछे मुख्य आरोपी को पकड़ने के प्रयासों को तेज करने के लिए इंटरपोल और आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के साथ सहयोग करने के लिए भारत में हैं. उन्होंने कहा कि हत्या मामले में मुख्य आरोपी की पहचान अख्तरुज्जमां के रूप में हुई है और उन्हें शक है कि वह संभवत: काठमांडू से दुबई के रास्ते अमेरिका भाग गया होगा. 

कैसे रची गई सांसद की हत्या की साजिश?

जांच के मुताबिक, बांग्लादेशी सांसद अनवारुल के बचपन के दोस्त अकतारुजमां शाहीन ने कारोबारी रंजिश के चलते सांसद की हत्या की योजना बनाई थी. शाहीन झेनईदह (Jhenaidah) का रहने वाला है. उसके पास अमेरिका की भी नागरिकता है. उसका भाई झेनईदह के कोटचांदपुर म्युनिसिपैलिटी का मेयर है. बता दें कि अनवारुल झेनईदह से ही सांसद थे.

शाहीन 30 अप्रैल को अमान और उसकी एक महिला मित्र सिलिस्टा रहमान के साथ कोलकाता गया था. इन्होंने कोलकाता के सांजिबा गार्डन में एक डुप्लेक्स किराये पर लिया. शाहीन के दो सहयोगी सियाम और जिहाद पहले से ही कोलकाता में थे. इन्होंने साथ मिलकर हत्या की साजिश रची.

शाहीन 10 मई को बांग्लादेश लौट गया. उसने हत्या की पूरी जिम्मेदारी अमान पर सौंप दी. योजना के मुताबिक, अमान ने बांग्लादेश से दो और हिटमैन कोलकाता बुलाए. फैजल शाजी और मुस्ताफिज 11 मई कोलकाता गए और इस साजिश में शामिल हो गए.

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कैसे की गई सांसद की हत्या?

इंटेलिजेंस अधिकारियों के मुताबिक, अमान से मिली जानकारी के अनुसार शाहीन को पहले से ही पता था कि सांसद 12 मई को कोलकाता जाएंगे. उसने अमान से हत्या की सभी तैयारियां करने को कहा. इन्होंने हत्या के लिए कुछ तेजधार हथियार भी खरीद लिए थे. 
सांसद अनवारुल 12 मई को दर्शन बॉर्डर के जरिए कोलकाता गए. वह पहले दिन अपने दोस्त गोपाल के घर पर रुके. इस बीच हत्यारे ने उन्हें 13 मई को अपने फ्लैट पर बुलाया.

अनवारुल 13 मई को संजीबा गार्डन में अमान के अपार्टमेंट में गया. इस बीच अमान ने अपने साथियों फैजल, मुस्ताफिज, सियाम और जिहाद के साथ मिलकर उन्हें दबोच लिया. उन्होंने अनवारुल से शाहीन को पैसे लौटाने को भी कहा. इसी गहमागहमी में उन्होंने तकिये से मुंह दबाकर अनवारुल की हत्या कर दी. हत्या के बाद अमान ने इसकी जानकारी शाहीन को दी.

इंटेलिजेंस अधिकारियों ने अमान से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि शाहीन के कहने के अनुसार ही अनवारुल के शव के टुकड़े किए गए ताकि उन्हें आसानी से ठिकाने लगाया जा सके. इसके लिए फ्लैट के पास के एक शॉपिंग मॉल से दो बड़े ट्रॉली बैग और पॉलिथिन खरीदे गए. इन पॉलिथिन बैग और ट्रॉली में शव के टुकड़ों को रखा गया और फिर इन्हें दो दिन में ठिकाने लगाया गया.

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