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ट्वीट ध्यान से करूंगा, लेकिन गलत के खिलाफ बोलना बंद नहीं करूंगाः प्रशांत भूषण

वरिष्ठ वकील ने कहा कि अदालत के एक अधिकारी के रूप में बोलना मेरा कर्तव्य है. अदालत के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जब अदालत कोई गलती करती है तो इसे इंगित नहीं किया जाना चाहिए.

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (PTI) वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:06 AM IST
  • इंडिया टुडे से खास बातचीत में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा
  • सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में एक रुपये का जुर्माना लगाया है
  • एक रुपये जमा नहीं करने की सूरत में 3 महीने की जेल हो सकती है

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना ​​के मामले में दोषी ठहराए गए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सजा उन्हें बोलने से नहीं रोकेगी. इंडिया टुडे से खास बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा कि फैसला उनकी ट्वीट करने की आदतों को तोड़ सकता है, लेकिन वो गलत के खिलाफ बोलना बंद नहीं करेंगे.

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अवमानना ​​मामले के अनुभव से क्या सीखा है तो प्रशांत भूषण ने कहा, "हो सकता है कि मैं अपने ट्वीट में थोड़ा अधिक सावधान हो जाऊं, लेकिन मुझे निश्चित रूप से अपने मन की बात बोलनी होगी. जब भी मैं देखूंगा कि कुछ अन्याय हो रहा है या संस्थाएं तरीके से काम नहीं कर रही हैं तो आवाज उठाउंगा.

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वरिष्ठ वकील ने कहा, "अदालत के एक अधिकारी के रूप में बोलना मेरा कर्तव्य है. अदालत के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जब अदालत कोई गलती करती है तो इसे इंगित नहीं किया जाना चाहिए."

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में सजा सुनाते हुए एक रुपये का जुर्माना लगाया है. एक रुपये जमा नहीं करने की सूरत में तीन महीने की जेल हो सकती है और तीन साल तक प्रैक्टिस करने पर पाबंदी लगाई जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को सजा सुनाते हुए कई टिप्पणियां भी कीं. कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण ने जो किया वो गंभीर अपराध है. न्यायपालिका का हिस्सा होते हुए भी उन्होंने इसकी गरिमा गिराने वाला काम किया है.

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