देश के बैंकों में जमा 40 फीसदी रकम महिलाओं के नाम, स्टार्टअप और नए बिजनेस में भी दिखाया जलवा

भारत सरकार के नए आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के नाम खुलने वाले डीमैट अकाउंट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. देश में 31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या 33.26 मिलियन से बढ़कर 143.02 मिलियन हो गई. इस मतलब यह हुआ कि साढ़े तीन साल में डीमैट अकाउंट चार गुना से अधिक बढ़ गए. 

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भारत में महिला खाताधारकों की संख्या बढ़ी है. (फोटो- AI/META) भारत में महिला खाताधारकों की संख्या बढ़ी है. (फोटो- AI/META)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

भारत में कुल बैंक खातों में महिलाओं के नाम 39.2 प्रतिशत बैंक अकाउंट हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नाम बैंक अकाउंट सामान्य से ज्यादा है. यहां पर 42.2 प्रतिशत बैंक अकाउंट महिलाओं के नाम हैं. ये आंकड़े भारत सरकार ने जारी किए हैं. सांख्यिकी और प्रोग्राम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों  में बैंक खातों में जमा और ग्रामीण भारत में बैंक खातों के प्रसार से जुड़े अहम डाटा जारी किए गए हैं. 

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इन आंकड़ों के अनुसार भारत के बैंक खातों में जमा धन में महिलाओं का योगदान 39.7 प्रतिशत है. यानी भारत में जितनी भी रकम बैंकों में जमा है उसमें लगभग 40 फीसदी महिलाओं के नाम है. 

इस रिपोर्ट में शेयर बाजार में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर भी प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के नाम खुलने वाले डीमैट अकाउंट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. देश में 31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या 33.26 मिलियन से बढ़कर 143.02 मिलियन हो गई. इसका मतलब यह हुआ कि साढ़े तीन साल में डीमैट अकाउंट चार गुना से अधिक बढ़ गए. 

आंकड़े बताते हैं कि हालांकि पुरुष खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रहा है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि का रुझान देखा गया है.

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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, "पुरुष डीमैट खातों की संख्या 2021 में 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला डीमैट खातों की संख्या 66 लाख से बढ़कर 2.7 करोड़ हो गई."

आंकड़ों के अनुसार, "वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान निर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों के प्रतिशत में इजाफा देखा गया है."

स्टार्टअप में बढ़ रही हैं महिला डायरेक्टर 

आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसे स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि हुई है, जिनमें कम से कम एक महिला निदेशक है. इससे पता चलता है कि महिला उद्यमिता का ट्रेंड बढ़ रहा है. देश में महिलाएं नए-नए स्टार्टअप में लीडिंग पोजिशन पर आ रही है. ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई.

महिलाओं के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठान बढ़े

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के ये आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021-22 में महिला स्वामित्व वाली निर्माण इकाइयां 54 फीसदी थीं. जो 2023-24 में बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई. ट्रेड में यह आंकड़ा 12 प्रतिशत से आगे बढ़ा और 14 % तक पहुंच गया. यह ट्रेंड बताता है कि महिलाएं, नई पढ़ी-लिखी युवतियां व्यावसायिक उद्यमिता को हाथों-हाथ ले रही हैं. इस वजह से अब वे नौकरी देने की पोजिशन में आ रही हैं.  

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महिला मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी

देश में 1952 में कुल मतदाताओं की संख्या 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई.  साथ ही महिला मतदाता पंजीकरण में मजबूत वृद्धि देखी गई है. आंकड़े बताते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची में दर्ज 67.2 फीसदी महिलाओं ने वोट डाला था. हालांकि 2024 में इसमें मामूली गिरावट दर्ज की गई और ये आंकड़ा 65.08 प्रतिशत हो गया. लेकिन मतदान में जेंडर गैप अब कम हो रहा है. 2024 में महिला मतदान पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा है. यह इस ओर इशारा करता है कि महिलाएं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ज्यादा भूमिका निभा रही हैं. 
 

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