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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला किसानों ने शंभू-खनौरी बॉर्डर पर की पंचायत, 10 मार्च को रोकेंगी रेल

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पंजाब-हरियाणा सीमा शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध स्थलों पर महिला किसानों ने पंचायत का आयोजन किया है. इस पंचायत में महिला किसानों ने कहा कि जब तक केंद्र किसानों की मांगें नहीं मान लेता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा और वो 10 मार्च को रेल रोको आंदोलन में भी भाग लेंगी.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला किसानों ने शंभू-खनौरी बॉर्डर पर की पंचायत. (फाइल फोटो) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला किसानों ने शंभू-खनौरी बॉर्डर पर की पंचायत. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • चंडीगढ़,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पंजाब-हरियाणा सीमा शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध स्थलों पर महिला किसानों ने पंचायत का आयोजन किया है, जिसमें महिला किसानों ने मंच संभाला. महिला किसानों ने कहा कि जब तक केंद्र किसानों की मांगें नहीं मान लेता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

इस अवसर पर महिला किसान नेता सुखविंदर कौर, समिता कौर मंगत और गुरप्रीत कौर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा की हजारों महिला किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर भाग लिया. उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर आने और किसानों की विभिन्न मांगों के समर्थन में चल रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए महिलाओं का धन्यवाद किया.

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'MSP पर गारंटी दे सरकार'

वहीं, कई महिला किसानों ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी नहीं देता. साथ ही महिलाओं ने किसानों की मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की. महिला किसानों ने देश के विकास में विशेष योगदान दिया है, चाहे वह हरित क्रांति हो या श्वेत क्रांति हो.

महिला किसान नेताओं ने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि देश की महिलाओं ने हमेशा पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश के विकास और कल्याण में योगदान दिया है और वो 10 मार्च को किसानों के रेल रोको प्रदर्शन में भी शामिल होंगी. अतीत में कई आंदोलनों में महिलाओं ने प्रमुख भूमिका निभाई है.

10 मार्च को रोकेंगे रेल: किसान नेता

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को देशभर के किसानों से 6 मार्च को विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया था, जबकि उन्होंने समर्थन में 10 मार्च को देशभर में चार घंटे के लिए 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान भी किया था.

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यूनियनों ने अपील की थी कि किसान 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चार घंटे ट्रेन रोकेंगे. पंढेर ने कहा कि पंजाब की सभी पंचायतों को किसानों की मांगों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए और हर गांव से एक ट्रैक्टर ट्रॉली विरोध स्थल पर पहुंचनी चाहिए.

कमजोर हुआ किसान आंदोलन

किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के कई बॉर्डर को सील किया गया था. हालांकि, अब करीब दो हफ्ते बाद इसके कुछ हिस्से को खोल दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने किसानों के "दिल्ली चलो" मार्च के कारण हरियाणा से लगे सिंघु और टिकरी बॉर्डर को बंद किया था, लेकिन अब सर्विस लेन खोल दी गई हैं.

क्या है किसानों की मांग

  • किसान केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे.
  • किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस ले सरकार
  • लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को सजा दी जाए
  • किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर किया जाए
  • किसानों का कर्ज माफ करे सरकार
  • 2020 के विद्युत संशोधन विधेयक रद्द करें.

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