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महिला आरक्षण बिल में हो OBC कोटा, 90 में से केवल 3 सचिव OBC, कैसे होगा न्याय? राहुल गांधी ने उठाए सवाल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि कल मैं चर्चा सुन रहा था और सेंगोल की चर्चा ही रही थी. मैं बिल (महिला आरक्षण) का समर्थन करता हूं. इस बिल में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए, वो मिसिंग है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी
मौसमी सिंह/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST

संसद में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा जारी है. बुधवार को लोकसभा में इस पर बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि कल मैं चर्चा सुन रहा था और सेंगोल की चर्चा ही रही थी. मैं बिल (महिला आरक्षण) का समर्थन करता हूं. सब इस बात को मानते हैं कि  महिलाओं को और जगह मिलनी चाहिए. लेकिन ये बिल पूरा नहीं है. ओबीसी आरक्षण होना चाहिए था.

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राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये अजीब है कि आप नए सेंसस और परिसीमन का इंतजार करेंगे. आप आज अभी एक तिहाई आरक्षण दे सकते हैं. आप इसको कहीं न कहीं टालना चाहते हैं. हमारे दोस्त आप ध्यान भटकाने चाहते हैं. एक अडानी मसले से. आपने ये बिल्डिंग (संसद) बनाई, हम यहां राष्ट्रपति को देखना चाहते हैं . उनको यहां होना चाहिए था. आप जातिगत जनगणना से भी ध्यान भटकाना चाहते हैं. आप उससे ध्यान भटका रहे हैं.

'ओबीसी आरक्षण का प्रावधान हो'

उन्होंने कहा कि इस बिल में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए, वो मिसिंग है. अच्छी नई बिल्डिंग है, लेकिन इसके कार्यक्रम में देश की महिला राष्ट्रपति को भी होना चाहिए था. परिसीमन और जनगणना पूरी होने के प्रावधान के बजाय इसे फौरन लागू किया जाना चाहिए. जब भी विपक्ष जातीय जनगणना की बात करता है, भटकाने वाले मुद्दे लाए जाते हैं.

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'सरकार में सिर्फ 3 ओबीसी सचिव'

उन्होंने कहा कि 90 सचिव सरकार को संभाल रहे हैं. और इसमें से कितने ओबीसी से आते हैं? सिर्फ 3 ओबीसी से आते हैं. ये 5 प्रतिशत ही बजट कंट्रोल करते हैं. यह चर्चा भारत के लोगों को सत्ता का हस्तांतरण है. यह ओबीसी समुदाय का अपमान है. आप बिल आज लागू कीजिए और आज ही महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दीजिए. ये लिस्ट ओबीसी समाज का अपमान है. आप कास्ट सेंसस रिलीज कीजिए, जो हमने किया था और आप नहीं करेंगे तो हम कर डालेंगे.

बिल में इन दो प्रावधानों पर विपक्ष को आपत्ति

बता दें कि महिला आरक्षण बिल का अभी तक किसी बड़े दल ने सिरे से विरोध नहीं किया है. कई विपक्षी दलों ने बिल के प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताई है. दो सबसे बड़ी आपत्तियां जताई जा रही हैं, एक ये कि इस कानून को तुरंत क्यों नहीं लागू किया जा रहा है, परिसीमन की शर्त क्यों रखी गई है. दूसरी ये कि इस बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से कोटा क्यों नहीं दिया गया है. मायावती ने तो ये भी कहा है कि बिल के प्रावधानों के मुताबिक मौजूदा एससी-एसटी कोटे से काटकर एससी-एसटी महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाए बल्कि महिला आरक्षण के 33 प्रतिशत में ही एससी-एसटी महिलाओं को कोटा दिया जाए. 

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