
देश में पिछले 27 साल से एक बिल का जिक्र बार-बार होता रहा है. किसी भी पार्टी ने इस बिल का नाम नहीं बदला. ये था महिला आरक्षण बिल. 27 साल बाद 19 सितंबर 2023 को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से पेश किया गया और 20 सितंबर को भारत की नारी को लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण की शक्ति देने वाला बिल लोकसभा से पहली बार पास हुआ. लोकसभा में 2 दिन तक चली लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण विधेयक पर मुहर लग गई. ये विधेयक दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया गया. अब गुरुवार को ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 2 मत पड़े. बिल के खिलाफ AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनकी ही पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने वोट किया.
लोकसभा और राज्यसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी-शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में ज्यादातर दलों का समर्थन मिला. सदन में पहले दिन हुई चर्चा में विपक्षी दलों ने विधेयक में OBC महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करने और बिना परिसीमन के ही कानून लागू करने की मांग की. कांग्रेस पार्टी ने विधेयक को राजीव गांधी का सपना बताया तो TMC ने ममता बनर्जी को इस विधेयक की जननी करार दिया. सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का स्वागत भी किया.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद ट्वीट किया कि इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक 2023 पारित होने पर खुशी हुई, मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया.
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गृहमंत्री ने बताया- प्रक्रिया पूरी होने में कितना वक्त लगेगा
महिला आरक्षण कानून तुरंत लागू नहीं करने के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए सभी दलों से महिला आरक्षण बिल के समर्थन की अपील की. अमित शाह ने कहा कि बिना जनगणना और परिसीमन के किसी सीट को रिज़र्व करना संभव नहीं है. अमित शाह ने संकेत दिए कि प्रक्रिया पूरी होने में इतना समय लगेगा कि कानून 2029 से पहले लागू नहीं हो पाएगा.
राहुल के OBC सेक्रेट्री वाले सवाल पर अमित शाह का जवाब
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के सचिव पद पर तैनात अफसरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अफसरों की तैनाती नहीं होने का सवाल उठाया. राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के 85 सांसद ओबीसी, प्रधान मंत्री ओबीसी, 29 केंद्रीय मंत्री ओबीसी और देश भर की विधानसभाओं में करीब 27 प्रतिशत से अधिक बीजेपी विधायक भी ओबीसी समुदाय के हैं. उधर, महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान AIMIM ने मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की. बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि महिला आरक्षण कानून में एससी-एसटी वर्ग की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण में अलग से कोटा दिया जाए.
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सोनिया गांधी ने बताया राजीव गांधी का सपना
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस महिला आऱक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हूं. यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है. पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे. बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देशभर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं. राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है. मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं. अभी उनसे और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है. हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए.
महिला आरक्षण बिल से महिलाओं की ताकत बढ़ेगीः PM मोदी
पीएम मोदी ने 19 सितंबर को कहा था कि मैं देश की माताओं, बहनों, बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. मैं सभी माताओं, बहनों, बेटियों को आश्वस्त करता हूं कि हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं. मैं सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हूं, आग्रह भी करता हूं. जब ये बिल कानून बनेगा तो उनकी ताकत अनेक गुना बढ़ जाएगी.
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अभी लोकसभा में कितने फीसदी महिला सांसद?
लोकसभा में जहां 14 फीसदी सांसद हैं, वो संख्या बढ़कर अब 33 फीसदी होगी. देश के किसी भी राज्य में अभी 15 फीसदी से ज्यादा विधायक नहीं हैं, लेकिन बिल के कानून बनने के बाद अब ये संख्या 33 फीसदी होगी. देश की 18 विधानसभा में जहां 10 फीसदी से कम महिला विधायक हैं, वहां अब महिलाओं की संख्या कुल सीट में एक तिहाई तक पहुंचेगी.
महिलाओं के हाथ में सत्ता से क्या है लाभ?
रिसर्च कहती हैं कि जहां महिलाएं जनप्रतिनिधि होती हैं, वहां योजनाओं का लाभ ज्यादा जनता और नारी शक्ति तक पहुंचता है. आंकड़े कहते हैं कि महिला जनप्रतिनिधि के होने पर योजनाओं में भ्रष्टाचार की आशंका कम होती है. भारत अब ऐसे कई शुभ समाचारों के बदलाव का साक्षी बन रहा है. महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद सदन को दिनभर के लिए स्थगित करने से ठीक पहले अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को सूचित किया कि लोकसभा चंद्रयान-3 की सफलता और भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा करेगी.