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LIVE: 'Podium से फुटपाथ तक', सुप्रीम कोर्ट पहुंची धरने पर बैठीं महिला पहलवान, जानिए क्या हैंं डिमांड

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख और अन्य प्रशिक्षकों के खिलाफ पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. सात महिला पहलवानों ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है.

जंतर-मंतर पर जारी है पहलवानों धरना-प्रदर्शन जंतर-मंतर पर जारी है पहलवानों धरना-प्रदर्शन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

इसी साल जनवरी में देश के शीर्ष पहलवानों ने जब कड़ाके की ठंड में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और कोच के खिलाफ मोर्चा खोला तो हर कोई हैरान रह गया था. इसके बाद सरकार ने तुरंत पहलवानों से बातचीत शुरू कर दी और जांच समिति का गठन कर धरना प्रदर्शन को समाप्त करवा दिया. लेकिन यही पहलवान एक बार फिर अपनी पुरानी मांगों को लेकर  सड़क पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जो आज भी जारी है. पहलवानों ने कहा कि उन्हें एक महीने में कार्रवाई का भरोसा दिया गया था लेकिन अब तीन महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और सरकार ने पहलवानों को जो आश्वासन दिया था वह झूठा निकला.

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-बजरंग पूनिया ने कहा कि कमेटी ने हमे आजतक नहीं बताया कि रिपोर्ट सबमिट की है या नहीं. उन्होंने कहा कि बृजभूषण सिंह बाहुबली हैं जो सत्ता का दुरुपयोग कर सकते हैं.वहीं विनेश फोगाट ने कहा कि किसी लड़की को बंद कमरे में बुला कर उसको पकड़ना क्या है?

- महिला खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं हैं. कोर्ट में नाबालिग सहित लड़कियों की ओर से अनुच्छेद 32 के तहत एक रिट याचिका दायर की गई है.इसमें एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश देने की मांग की गई.SC ने मामले का उल्लेख कल करने को कहा है. फिलहाल इसे लेकर अधिक विवरण की प्रतीक्षा है.

- पहलवानों ने एनसीडब्ल्यू रेखा शर्मा से बात की है. उन्होंने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि वह पुलिस अधिकारियों से बात करेंगी और शिकायत की प्रति प्राप्त होने के बाद देखेंगी कि प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई.

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- इस बीच सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर दिल्ली पुलिस आगे बढ़ेगी. 

- पहलवानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपना अपना सबकुछ दांव पर लगाकर यहां बैठे हैं.  विनेश फोगाट ने पहलवानों के धरने की एक फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'Podium से फुटपाथ तक आधी रात खुले आसमान के नीचे न्याय की आस में.'

सभी दलों का धरने में स्वागत

पिछली बार पहलवानों ने राजनीतिक लोगों को मंच देने से इंकार कर दिया था लेकिन इस बार स्थिति अलग है. रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा, 'हम सभी का समर्थन लेने के लिए तैयार हैं, भले ही यह राजनीतिक हो.इस बार सबका वेलकम है, चाहे बीजेपी आए, कांग्रेस आए या आम आदमी पार्टी आए, सबका स्वागत है. क्योंकि जब हम मेडल जीतते हैं तो किसी पार्टी का झंडा नहीं लहराते हैं बल्कि तिरंगा लहराते हैं. तो कोई भी आए सबका स्वागत है. हम सभी का स्वागत करेंगे... अगर इस बार हम अपनी बहन-बेटियों के लिए नहीं लड़े तो कभी फिर किसी के लिए नहीं लड़ सकते हैं.'

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सूत्रों के मुताबिक, साईं अधिकारी ने एक पहलवान को फोन करके कहा कि हम इस मामले पर बात कर सकते हैं लेकिन पहलवानों ने बात करने से इनकार किया. पहलवानों ने कहा, 'हम इस बार कानून के मुताबिक चलेंगे और किसी पर भरोसा नहीं करेगे. अगर आप हमसे यहां धरना स्थल पर आकर मिलना चाहते हैं तो आ सकते हैं.' 

पहलवानों की मांग

- पहलवानों की मांग है कि WFI के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए.
- पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. इसे लेकर दिल्ली के कनॉट पैलेस पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है.
- जनवरी माह के दौरान पहलवानों ने कुश्ती संघ को भंग करने की मांग की थी.
-भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की थी. मैरी कॉम की अध्यक्षता वाली इस समीति में अलकनंदा अशोक के अलावा डोला बनर्जी, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं के नाम शामिल थे. समीति ने अप्रैल पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.

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18 जनवरी को पहलवानों ने लगाए थे आरोप

बता दें कि, 18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों का ये विवाद सामने आया था. जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान इकट्ठा हुए थे. उस दिन भी शाम 4 बजे कुश्ती खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने प्रमुख तौर पर पांच आरोप लगाए हैं. 

1. यौन शोषण 
2. तानाशाही-मनमानी
3. अपशब्दों का प्रयोग
4. मानसिक प्रताड़ना
5. आवाज उठाने पर धमकाने का आरोप

वहीं पहलवानों ने सवाल उठाया कि आप शिकायत पर FIR क्यों नहीं दर्ज कर रहे हैं. पुलिस बृजभूषण सिंह के खिलाफ भी FIR क्यों नहीं कर रही है. हम कुश्ती के लिए जी जान से लड़ेंगे. पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि, देश की बेटी और बेटे जंतर-मंतर पर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम ये लड़ाई लड़ते रहेंगे. वह डिटेन भी करना चाहें तो कर लें, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. 

क्यों घिरे हैं बृजभूषण सिंह

कई कुश्ती खिलाड़ियों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ की तानाशाही के आगे उन्हें अपमानित होना पड़ता है, जबकि वह विदेशों तक भारत का परचम लहराते हैं. एक आरोप यह भी है कि 'जबसे अध्यक्ष जी हैं, लखनऊ में ही कैंप क्यों लगता है.'  पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी गई थी. वो विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट कर रहे हैं.

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कुश्ती संघ अध्यक्ष पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी है. खिलाड़ियों का आरोप है कि जब भी ट्रायल्स का आयोजन होता है, तो उसका दिन और समय अक्सर उनके हिसाब से तय होता है. नेशनल चैंपियनशिप बुनियादी सुविधाओं की कमी होती है. बृज भूषण शरण सिंह ने एक जूनियर पहलवान को सबके सामने थप्पड़ मार दिया था. इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए विदेश जाना हो, तो अंतिम समय तक टिकट और वीज़ा के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी खिलाड़ियों को नहीं दी जाती है.

विनेश बोली- किया गया उत्पीड़न

विनेश फोगाट ने कहा है कि घायल होने पर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. नेशनल ना खेलने की बात करते हैं. उन्होंने रोते हुए कहा था कि 'अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का बोला था.' फेडरेशन ने मुझे मेंटली टॉर्चर किया. मैं इसके बाद सुसाइड करने की सोच रही थी. बजरंग पूनिया ने कहा था कि महासंघ द्वारा हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. फेडरेशन द्वारा एक दिन पहले ही नियम बना लिए जाते हैं. सारी भूमिका प्रेसिडेंट निभा रहे हैं. प्रेसिडेंट हमसे गाली-गलौज करते हैं. प्लेयर्स को थप्पड़ मार दिया था.

विवाद, जो बने थे चर्चा का विषय

कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच का विवाद सामने दिख रहे आरोपों से थोड़ा अलग भी है. साल 2022 में एक खबर आई थी, जब कुश्ती महासंघ ने निजी और गैर-सरकारी संगठनों को पहलवानों की मदद करने पर रोक लगा दी थी. महासंघ ने कहा था कि उसे गैर सरकारी संस्थानों का हस्तक्षेप नहीं चाहिए और ये संस्थान अब पहलवानों की मदद WFI की अनुमति के बिना नहीं कर सकते हैं. लिहाजा, पहलवानों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे मनपसंद विदेशी कोच, फिज़ियो और विदेशों में ट्रेनिंग मिलनी बंद हो चुकी थी. खिलाड़ियों को प्राइवेट स्पान्सरशिप मिलनी बंद हो गई थी. इस पूरे मामले में विवाद की एक जड़ 'क्रेडिट' की लड़ाई भी बताई जा रही है. 

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