
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच आज पांच घंटों तक चली. पहलवान अनुराग ठाकुर के बुलावे पर उनके घर पहुंचे थे. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पहलवानों ने बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी समेत 3 मांगें रखी गईं. पहलवानों की मांग थी कि कुश्ती संघ का निष्पक्ष चुनाव हो. साथ ही 28 मई को पहलवानों पर दर्ज किए गए केस वापस लिए जाएं.
अनुराग ठाकुर के साथ बैठक से पहले भी पहलवानों ने साफ कर दिया था कि उन्हें यौन उत्पीड़न के मामले में बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. पहलवान साक्षी मलिक ने आजतक से बातचीत में कहा, हम देखेंगे कि सरकार हमें क्या प्रस्ताव देती है. हमारी प्रमुख मांग बृजभूषण की गिरफ्तारी है. अगर हमें सरकार का प्रस्ताव पसंद आता है, तो हम खाप नेताओं से सलाह लेंगे. हम सरकार के XYZ प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे. हम अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.
खेल मंत्री ने भेजा था बैठक का प्रस्ताव
दरअसल, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया था. अनुराग ठाकुर के बुलावे पर पहलवान उनके साथ बैठक करने पहुंचे. इससे पहले 3 जून यानी शनिवार की रात पहलवानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
इसके बाद 5 जून को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौट गए थे. हालांकि, पहलवानों ने साफ कर दिया था कि जब तक महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे.
23 अप्रैल से पहलवानों ने खोल रखा है मोर्चा
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने जनवरी में पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों का धरना खत्म हो गया था.
इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे. इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी. पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं.
इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था.
गंगा में मेडल बहाने पहुंचे थे पहलवान
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए मेडल बहाने का ऐलान किया था. पहलवान हरिद्वार मेडल बहाने भी पहुंचे थे. लेकिन तब किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल बहाने से रोक दिया था. इसके साथ ही किसान यूनियन ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था. यह सोमवार को खत्म हो गया. अब राकेश टिकैत ने कहा है कि पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे.
Timeline of the Wrestler Protest: पहलवानों का दंगल, कब क्या हुआ?
18 जनवरी: बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे. पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए.
बृजभूषण सिंह ने आरोपों से इनकार किया.
19 जनवरी: पहलवानों ने खेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की. यह बैठक 5 घंटे तक चली.
20 जनवरी: पहलवानों की मांग पर मैरिकॉम के नेतृत्व में 7 सदस्यों की जांच कमेटी बनी. बृजभूषण को संघ के कामकाज से दूर किया गया.
21 जनवरी: खिलाड़ियों ने धरना खत्म किया.
23 फरवरी: कमेटी ने जांच रिपोर्ट के लिए अतिरिक्त समय मांगा.
16 अप्रैल: ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपे जाने के बाद WFI ने घोषणा की कि चुनाव 7 मई को होंगे.
23 अप्रैल: पहलवान फिर धरने पर बैठे.
25 अप्रैल: पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ FIR का आदेश देने की मांग की. पहलवानों ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी. लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा.
28 अप्रैल: दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ 2 केस दर्ज किए. पहला केस 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर हुआ, जबकि दूसरा केस नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया.
4 मई: सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की याचिका बंद की और अन्य किसी मामले में निचली अदालत जाने की सलाह दी.
7 मई: किसान नेता राकेश टिकैत पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे.
23 मई: पहलवानों ने कैंडल मार्च निकाला इसमें खाप नेता भी शामिल हुए.
28 मई: पहलवानों ने जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने का ऐलान किया. पुलिस ने अनुमति नहीं दी. जमकर हंगामा हुआ और हाथापाई हुई. इसके बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया और जंतर मंतर को खाली करा दिया.
29 मई : पुलिस ने कहा कि पहलवान चाहें तो और कहीं धरना दे सकते हैं, लेकिन जंतर मंतर पर धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया.
30 मई: पहलवान हरिद्वार में मेडल बहाने पहुंचे. किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोका.
3 जून: पहलवानों ने शनिवार रात को अमित शाह से मुलाकात की.
5 जून: विनेश, साक्षी और बजरंग नौकरी पर लौटे.
6 जून: खेल मंत्रालय ने बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा