
दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान में धरना दे रहे पहलवानों ने गुरुवार को एक बार फिर खेल महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला. महिला पहलवान विनेश फोगाट लगातार दूसरे दिन नाराज और भावुक देखी गईं. उन्होंने WFI अध्यक्ष की सफाई पर सीधे घेरा और कहा- बृजभूषण शरण सिंह में हिम्मत है तो सामने आएं और दो मिनट बैठकर बात कर लें. वो सामने नहीं बैठ पाएंगे. हमारे पास यहां ऐसी पीड़िताएं हैं, जिनका शोषण हुआ है और वो सबूत के साथ बैठी हैं. विनेश ने यहां तक कह दिया कि कार्रवाई नहीं हुई तो 4-5 महिला पहलवान मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगी. अगर हम जैसे पहलवानों के साथ ऐसा हो रहा है तो बाकी लड़कियां कितनी सुरक्षित हैं. हिंदुस्तान में एक भी लड़की पैदा नहीं होनी चाहिए, अगर हम भी सुरक्षित नहीं हैं तो.
विनेश फोगाट का कहना था कि हमारे आरोप सच्चे हैं. हमें कुश्ती को दोबारा जीवित करना है. हमें सामने आने के लिए मजबूर ना किया जाए. मेरे साथ या किसी अन्य महिला के साथ क्या हुआ. ये सब बताना नहीं चाहते हैं. अगर मजबूर किया गया तो ये कुश्ती को दुर्भाग्य होगा. हम पीएम से उम्मीद करते हैं कि मांगों पर ध्यान दिया जाएगा.
'हम सबूतों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं'
विनेश फोगाट ने कहा कि हम सबूतों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं. आरोप झूठे नहीं हैं. हमारे पास सबूत भी हैं और वो पीड़िताएं भी हैं. हम अध्यक्ष को इस्तीफा लेने के साथ उनको जेल में डलवाएंगे. हम फेडरेशन को बंद करवाने की मांग कर रहे हैं. ये फेडरेशन रहेगा तो उनके लोग काम करेंगे और फिर परेशान करेंगे. अध्यक्ष को हमारे सामने लेकर आईए. दो मिनट मेरे सामना नहीं कर पाएंगे. हमें मजबूतर किया गया तो एफआईआर दर्ज कराएंगे. हालांकि, इससे कई खिलाड़ियों का करियर दांव पर लग जाएगा. यूपी में शोषण के कारण कुश्ती खत्म हो गई हैं. अब महाराष्ट्र और केरल में भी कुश्ती खत्म की जा रही हैं.
'तो हिंदुस्तान में पैदा नहीं होनी चाहिए बेटियां'
इससे पहले दोपहर में पहलवानों के प्रतिनिधिमंडल ने खेल मंत्रालय में खेल सचिव और SAI के डीजी से मुलाकात की. उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पहलवानों ने बताया कि खेल मंत्रालय के अफसरों ने हमारी मांगों को सुना है और आश्वासन दिया है. हालांकि, अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम मांगें पूरी होने तक धरना स्थल से नहीं हटेंगे. बजरंग पुनिया ने कहा कि आज रेसलिंग का हर सदस्य यहां धरने पर बैठा है. बृजभूषण ने कहा था कि आरोप सच निकले तो फांसी पर लटक जाएंगे. आज हमारे पास 6 लड़कियां ऐसी हैं, जिनका यौन शोषण किया गया. वे सबूत के साथ यहां बैठी हैं.
पहलवानों ने खेल मंत्रालय के साथ अफसरों से मुलाकात की
पहलवानों ने खेल मंत्रालय को अपनी समस्याएं बताईं और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की शिकायत की. पहलवानों का कहना था कि उनके साथ ठीक बर्ताव नहीं किया जाता है. आए-दिन पहलवानों से बदसलूकी की जा रही है. इसलिए WFI अध्यक्ष को पद से हटाया जाए ताकि नए पहलवानों का भविष्य सुरक्षित हो सके. पहलवानों ने चेतावनी दी है कि जब तक बृजभूषण शरण सिंह का इस्तीफा नहीं हो जाता है, तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे. अधिकारियों से बातचीत के बाद ये पहलवान वापस धरना स्थल पर पहुंचे.
साजिशन फंसाया जा रहा है: बृजभूषण
खिलाड़ियों के हंगामे के बाद कुश्ती महासंघ बैकफुट पर देखा जा रहा है. यही वजह है कि 22 जनवरी को कुश्ती महासंघ ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. कहा जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं. इससे पहले उन्होंने आज खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से फोन पर बातचीत की और अपना पक्ष रखा. बृजभूषण का कहना था कि उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है. एक भी आरोप में सच्चाई नहीं है.
महिला पहलवानों ने लगाए यौन उत्पीड़न का आरोप
पहलवानों का कहना है कि हमें उम्मीद है फैसला सबके पक्ष में आएगा. खिलाड़ियों का कहना था कि उनकी मांगों को पूरी ध्यान से सुना गया है. बैठक के साथ बाहर आने पर वे खुश देख गए. प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. साथ ही महासंघ के कामकाज पर भी सवाल उठाए. धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे. किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा.
ये मांगें की जा रही हैं...
- कुश्ती संघ को बर्खास्त किया जाए. नए संघ का गठन भी ना हो.
- बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटाया जाए और जेल भेजा जाए.
- संघ से जुड़े कोच-रेफरी से महिला पहलवान प्रताड़ित हुई हैं.
- दोषियों पर कार्रवाई तक धरना से नहीं हटेंगे.
- कार्रवाई तक किसी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा.
- खेल की जरूरतों का ध्यान रखे. समस्या होने पर निदान करे.
- गलत व्यवहार ना किया जाए.
ये पहलवान धरनास्थल पर डटे...
बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, आशु मलिक, साक्षी मलिक, सतवर्त काद्यान, अंतिम पंघाल, सुमित, सुरजीत मान, सितंदर मोखरिया, रवि दहिया, दीपक पुनिया, संगीता फोगट, सरिता मोर, सोनम मलिक, महावीर फोगाट, सत्य राणा, कुलदीप मलिक.