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'नेहरू से लेकर मनमोहन सरकार तक गलत फैसले लिए गए, सजा भुगत रहा है देश,' बीजेपी का राहुल गांधी पर हमला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने लद्दाख में 2014 के बाद से भारतीय भूमि का एक इंच भी नहीं खोया गया है. उन्होंने राहुल गांधी के दावे को गलत बताया है. दरअसल, राहुल गांधी ने कहा था कि लद्दाख की जमीन पर चीन के कब्जा करने की शिकायतें मिली हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर घमासान मचा है. राहुल ने लद्दाख में चीन के कब्जा करने के बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई है. अब BJP नेता अमित मालवीय ने पलटवार किया है. मालवीय ने कहा, राहुल गांधी सिनिस्टर हैं. वे बार-बार इस उम्मीद में झूठ बोलते हैं कि किसी ना किसी बिंदु पर इसे सच मान लिया जाएगा. हो सकता है, जब हमारी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने की बात आए तो कांग्रेस को जवाहरलाल नेहरू के कामों को स्वीकार करना शुरू कर देना चाहिए.

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'पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में करीब 78,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है. चीन ने भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध कब्जा जारी रखा है. इसके अलावा, 1963 के तथाकथित 'चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते' के तहत पाकिस्तान ने अवैध रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 5,180 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया.' यह बातें 22 नवंबर 2012 को राज्यसभा के पटल पर रखी गई थीं, जब यूपीए अभी भी सत्ता में थी.

'चीनी सरकार के अधीन रहे हैं नेहरू'

यह सभी जमीनें नेहरू की भ्रमित विदेश नीति के परिणामस्वरूप खोनी पड़ी, उन्होंने राष्ट्रीय हित को दरकिनार कर अपनी खुद की छवि को प्राथमिकता दी. नेहरू चीनियों के इतने अधीन थे कि उन्होंने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल करने के प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया. उन्होंने जो कहा, वह इस प्रकार है- 'संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से सुझाव दिया गया है कि भारत को सुरक्षा परिषद में चीन का स्थान लेना चाहिए. हम निश्चित रूप से इसे स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इसका मतलब है चीन के साथ मतभेद होना और चीन जैसे महान देश के लिए सुरक्षा परिषद में ना होना बहुत अनुचित होगा.

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'2013 में पीएमओ को सौंपी रिपोर्ट में यह दावा...'

मालवीय ने आगे कहा, 2013 में पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्याम सरन ने अगस्त 2013 में पीएमओ को एक रिपोर्ट सौंपी थी. तब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. रिपोर्ट के अनुसार...
1. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 2013 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओएसी) पर लगभग 640 वर्ग किमी क्षेत्र पर 'बढ़ते हुए' कब्जा कर लिया था.
2. जम्मू-कश्मीर के पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पीएलए क्षेत्र के अस्वीकार करने से निर्धारित गश्त सीमा अब वास्तविक एलओएसी बन गई है.
3. क्षेत्र अस्वीकार के परिणामस्वरूप देपसांग, चुमार और पैंगोंग त्सो में तीन क्षेत्रों में प्रभावी रूप से 640 वर्ग किमी का नुकसान हुआ.
4. भारतीय सैनिक अब गश्ती रेखा पर कम से कम चार बिंदुओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं, जिससे उन्हें पहले से सुलभ क्षेत्र से वंचित कर दिया गया. अप्रैल और मई 2013 में पीएलए की घुसपैठ के बाद डेपसांग बुल्ज अब भारतीय बलों के लिए पहुंच योग्य नहीं रह गया.

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'कांग्रेस के कर्मों की कीमत चुका रहा है देश'

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अमित मालवीय ने कहा, इसके सबके बावजूद तत्कालीन यूपीए सरकार चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराने में विफल रही. वास्तव में उन्होंने अहंकार में लिप्त होकर अपनी मूर्खता को छिपाने की कोशिश की. देश आज भी कांग्रेस के उन कर्मों की भयानक कीमत चुका रहा है, जो नेहरू से शुरू होकर मनमोहन सिंह तक जारी रहे. 2014 के बाद से भारतीय भूमि का एक इंच भी नहीं खोया गया है. अगर ऐसा हुआ है तो भारत ने पहली बार सीमा पर किसी भी आक्रामकता का जवाब दिया है, जो पहले कभी नहीं देखा गया था.

'राहुल ने पीएम बनने का सपना नहीं छोड़ा'

मालवीय ने एक अन्य ट्ववीट में कहा, चीन द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जा करने पर राहुल गांधी के झूठ के बारे में और जानें. राहुल इतने बदनाम हैं कि 10 जनपथ के दरबारियों के अलावा कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता. कई बार आलोचना झेलने और अस्वीकार किए जाने के बावजूद उन्होंने अभी भी विपक्ष का प्रधानमंत्री बनने का अपना सपना नहीं छोड़ा है.

क्या कहा था राहुल गांधी ने...

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लद्दाख में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'लद्दाख के लोगों ने मुझे बताया है कि यहां चीन की सेना घुसी है. इनकी जो ग्रेजिंग लैंड (चारागाह भूमि) होती थी, वहां अब नहीं जा पा रहे हैं. लद्दाख में सब यही कह रहे हैं. प्रधानमंत्री ने यह कहा है कि एक इंच जमीन नहीं गई है, लेकिन वह सच नहीं है. आप यहां किसी से पूछ लीजिए वह आपको बता देगा.' राहुल गांधी ने कहा कि लद्दाख के लोगों की बहुत सारी शिकायतें हैं, वे उस दर्जे से खुश नहीं हैं, जो उन्हें दिया गया है. वे प्रतिनिधित्व चाहते हैं और बेरोजगारी की समस्या है. लोग कह रहे हैं कि राज्य को नौकरशाही से नहीं बल्कि जनता की आवाज से चलना चाहिए. 

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पिता की पुण्यतिथि पर लद्दाख पहुंचे हैं राहुल

दरअसल, राहुल गांधी अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 77वीं जयंती पर लद्दाख पहुंचे. उन्होंने यहां पैंगोंग त्सो लेक पर अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह भारत जोड़ो यात्रा के समय ही लद्दाख जाना चाहते थे, लेकिन लॉजिस्टिकल कारणों से वहां नहीं जा पाए. तब उन्होंने सोचा था कि लद्दाख का टूर विस्तार से किया जाएगा. राहुल ने कहा कि वह लेह गए थे और पैंगोंग के बाद अब नुब्रा जा रहे हैं. इसके बाद करगिल भी जाएंगे. वह यहां इस बात को सुनने आए हैं, जो जनता के दिल में है.

 

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