Advertisement

यासीन मलिक के केस से दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने खुद को अलग किया, क्या है पूरा मामला?

दिल्ली हाईकोर्ट में जज जस्टिस अमित शर्मा ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है. इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को दूसरे बेंच के पास भेज दिया है. अब अदालत में इस मामले पर नौ अगस्त को सुनवाई होगी.

यासीन मलिक यासीन मलिक
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को मौत की सजा देने की मांग वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई करने वाले जज ने खुद को अलग कर लिया है. 

दिल्ली हाईकोर्ट में जज जस्टिस अमित शर्मा ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है. इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को दूसरे बेंच के पास भेज दिया है. अब अदालत में इस मामले पर नौ अगस्त को सुनवाई होगी.

Advertisement

टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. लेकिन एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मलिक को मौत की सजा देने की मांग की है. दरअसल निचली ्दालत ने टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

यासीन मलिक को मिली है उम्रकैद

2017 में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया. इन पर पाकिस्तान से पैसे लेकर कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद बढ़ाने का आरोप लगा. मई 2022 को एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

2017 में NIA ने यासीन मलिक पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी फंडिंग), धारा 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत केस दर्ज किया गया था. यासीन मलिक ने खुद अपना गुनाह कबूल किया था.

Advertisement

24 मई 2022 को एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यासीन मलिक को ट्रायल कोर्ट ने यूएपीए की धारा 121 और धारा 17 (टेरर फंडिंग) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यानी, दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा मिली थी. - इसके अलावा मलिक को पांच अलग-अलग मामलों में 10-10 साल और तीन अलग-अलग मामलों में 5-5 साल जेल की सजा सुनाई थी.

यासीन मलिक को फांसी देने की मांग

यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा हुई है, लेकिन एनआईए उसे फांसी की सजा देने की मांग कर रहा है. मलिक को फांसी देने की मांग को लेकर एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. एनआईए का कहना है कि  मलिक आतंकी और अलगाववादी गतिविधि में शामिल रहा है और इसे 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' मानते हुए फांसी की सजा दी जानी चाहिए.

हाईकोर्ट में दलील देते हुए एनआईए ने कहा था कि यासीन मलिक ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान गया था, कश्मीर में पत्थरबाजी करवाता था और सोशल मीडिया पर 'अफवाहें' फैलाता था कि सुरक्षाबल उत्पीड़न कर रहे हैं. 

एनआईए का कहना था कि जब कोई व्यक्ति सशस्त्र विद्रोह कर रहा है, सेना के लोगों की हत्या कर रहा है और देश के एक इलाके को अलग बताकर प्रचारित कर रहा है और फिर भी अगर ये 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' नहीं है तो फिर कुछ भी रेयरेस्ट ऑफ द रेयर नहीं हो सकता.

Advertisement

एनआईए ने अदालत में मलिक को फांसी की सजा की मांग करते हुए दलील दी थी कि अगर उसे सिर्फ इसलिए मौत की सजा नहीं दी जाती, क्योंकि उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, तो ये आतंकवादियों के पास मौत की सजा से बचने का एक तरीका बन जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement