
असम की राजधानी गुवाहाटी में अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप लोगों में इतनी एनर्जी है कि आज ही आप हिमंत विश्व शर्मा की सरकार को उखाड़ फेकेंगे. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, असम को भगवान ने सब कुछ दिया है. नदियां दीं, इतना पानी दिया है, कितना अच्छा मौसम और हरियाली भी दी. असम को बनाने में भगवान ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. लेकिन सारे नेताओं और पार्टियों ने मिलकर सब कुछ बर्बाद कर दिया.
केजरीवाल ने पहले की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, आप लोगों ने 75 साल में 52 साल तक कांग्रेस की सरकार बनाई, 10 साल तक असम गण परिषद की सरकार बनाई, पिछले 7 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई. इन पार्टियों को विश्वास देने में और वोट देने में जनता ने कोई कसर नहीं छोड़ी. लेकिन अब मैं जनता से पूछना चाहता हूं कि बदले में आपको क्या मिला? इन पार्टियों ने आपको धोखा दिया और मौका मिलते ही आपको लूट लिया. केजरीवाल ने कहा, इन पार्टियों से परेशान होकर आज 3.5 करोड़ असम की जनता ने हमें न्योता दिया है.
'हमने काम किया और हिमंत ने गंदगी राजनीति की'
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, असम में हिमंत बाबू की और दिल्ली में मेरी सरकार साथ-साथ बनी थी. दिल्ली में स्कूल, पानी, सड़कें सब कुछ शानदार हो गया है. लेकिन असम में हिमंत बाबू ने 7 साल में क्या किया? केजरीवाल ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा, हिमंत बाबू ने कुछ नहीं किया, सिर्फ गंदी राजनीति की.
'क्या मैं कोई आतंकवादी हूं?'
केजरीवाल ने कहा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बाबू पिछले 2 दिन से टीवी चैनल पर धमकी दे रहे हैं कि केजरीवाल आएगा तो मैं उसे जेल में डाल दूंगा. मैं केजरीवाल को पुलिस से पकड़वा लूंगा. क्या मैं कोई आतंकवादी हूं? असम के मुख्यमंत्री हेमंत बाबू तो बन गए लेकिन असम की संस्कृति उनके अंदर नहीं आई है. असम के लोग प्यारे हैं, वह अपने अतिथि का स्वागत करते हैं. असम के लोग जेल भेजने की धमकी नहीं देते हैं. हिमंत बाबू असम की थोड़ी सी संस्कृति भी सीख लें.
केजरीवाल ने हिमंत विश्व शर्मा को दिया न्योता
केजरीवाल बोले, मैं असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को मंच से आमंत्रित करता हूं कि वह जब भी दिल्ली में आए तो मेरे घर चाय पीने और खाना खाने जरूर आएं. असम के युवाओं से मिला, असम में बहुत बेरोजगारी है. पढ़े-लिखे और कम पढ़े-लिखे दोनों ही बेरोजगार घूम रहे हैं. हिमंत बाबू के पास बेरोजगारों की चीख सुनने का टाइम नहीं है. केजरीवाल ने कहा, पिछले चुनाव में हिमंत बाबू ने बोला था कि बेरोजगारी दूर करेंगे. सरकार कहती है कि असम में 25 लाख बेरोजगार हैं बल्कि 50 लाख बेरोजगार असम में मौजूद है.
राज्य सरकार पर उठाए सवाल
केजरीवाल ने बोला, जिन सरकार से पेपर लीक नहीं रोके जाते वह सरकार क्या चलाएंगे. दिल्ली और पंजाब में तो आज तक एक भी पेपर लीक नहीं हुआ. पेपर लीक मामले में क्या आज तक किसी को सजा मिली? दिल्ली में 12 लाख बच्चों के लिए रोजगार का इंतजाम किया. वहीं भगवंत मान ने पंजाब में 1 साल में 28 हजार सरकारी नौकरियां दी है. असम में आम आदमी पार्टी की सरकार आएगी तो एक-एक बच्चे को रोजगार दिया जाएगा. जिस स्पीड से हिमंत बाबू रोजगार दे रहे हैं, 100 साल लगेंगे बेरोजगारी खत्म करने में.
केजरीवाल ने बताया कि कैसे ठीक हुए दिल्ली के स्कूल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पत्नी प्राइवेट स्कूल चलाएगी तो उस राज्य में गरीबों को शिक्षा नहीं मिल सकती है. उस राज्य में सरकारी स्कूल कभी ठीक नहीं हो सकते हैं. दिल्ली के नेताओं ने भी जानबूझकर सरकारी स्कूल का बेड़ा गर्क कर दिया था. प्राइवेट स्कूल में लाखों रुपये की फीस हुआ करती थी. आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली और पंजाब में आई और लगाम लगाई. दिल्ली और पंजाब में किसी विधायक का स्कूल नहीं है. इसलिए सरकारी स्कूल को बेहतर कर दिया.
'पढ़े-लिखे को वोट देना'
केजरीवाल ने कहा, हमारे वादे सच्चे हैं और उनके वादे झूठे हैं. असम में आज कोयला माफिया की सरकार चल रही है. वोट जनता से लेते हैं और काम अपने रिश्तेदारों का करते हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी सिर्फ जनता के लिए काम करती है. दिल्ली और पंजाब में एक-एक करके सारे माफिया खत्म कर दिए हैं. केजरीवाल ने कहा, असम में सरकार बनी तो ईमानदारी से सरकार चलाएंगे. असम का बजट सवा तीन लाख करोड़ का है. ये पैसा कहां जाता है? कहीं कोई स्कूल, अस्पताल, सड़कें बनती दिखी क्या? असम पर एक लाख 23 हजार करोड़ का कर्जा है. इसलिए ईमानदार सरकार की जरूरत है. गुवाहाटी में अरविंद केजरीवाल बोले कि अगली बार वोट डालने जाओ तो पढ़े लिखे को वोट देना, अनपढ़ को वोट मत देना.