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पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा यूट्यूबर, 1 करोड़ रुपये मुआवजे की रखी मांग

यूट्यूबर जेराल्ड अब तमिलनाडु पुलिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए हैं और उन्होंने एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. उनका आरोप है कि तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें दो दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा और उनके परिजनों या मित्रों को उनकी स्थिति की कोई सूचना नहीं दी गई. याचिका में कहा गया है कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया, जिससे उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

पुलिस के खिलाफ कोर्ट पहुंचा यूट्यूबर पुलिस के खिलाफ कोर्ट पहुंचा यूट्यूबर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड ने तमिलनाडु पुलिस पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जेराल्ड का दावा है कि तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया था. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अपने दावे के समर्थन में अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय दिया है.

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यूट्यूबर ने मांगा 1 करोड़ का मुआवजा

फेलिक्स जेराल्ड को  उनके यूट्यूब चैनल "RedPix 24x7" पर एक अन्य यूट्यूबर सवुक्कू शंकर का "आपत्तिजनक" इंटरव्यू प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस इंटरव्यू में मद्रास हाई कोर्ट और तमिलनाडु की महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं.

जेराल्ड के वकीलों सूर्य प्रकाश और अविनाश कुमार द्वारा दाखिल याचिका में तमिलनाडु सरकार और कई पुलिस अधिकारियों से एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया है. याचिका के अनुसार, 30 अप्रैल को जेराल्ड ने "सवुक्कू मीडिया" के आलोचक और पत्रकार सवुक्कू शंकर का इंटरव्यू लिया था, जिसमें सवुक्कू ने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा था.

इसके बाद, 4 मई को कोयंबटूर पुलिस ने शंकर को महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई टिप्पणियों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया था. जेराल्ड के यूट्यूब चैनल को भी एफआईआर में आरोपी बनाया गया था.

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याचिका में दावा किया गया है कि 10 मई की रात लगभग 11 बजे, जब जेराल्ड दिल्ली में थे, उन्हें "अज्ञात लोगों" द्वारा जबरन उठाया गया, जो तमिलनाडु पुलिस के थे। उन्हें न तो एफआईआर की कॉपी दी गई और न ही गिरफ्तारी के आधार की जानकारी दी गई. पुलिस ने उनके परिवार को भी इस कार्रवाई की सूचना नहीं दी.

16 दिसंबर को होगी अब सुनवाई

जेराल्ड का आरोप है कि पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के 66 घंटे बाद 13 मई को त्रिची की एक अदालत में पेश किया. मद्रास हाई कोर्ट ने 31 जुलाई को उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन यूट्यूब चैनल बंद करने का निर्देश दिया था.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. अब दिल्ली हाई कोर्ट में जेराल्ड ने तमिलनाडु पुलिस के खिलाफ "मानवाधिकार उल्लंघन" का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है. इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.


 

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