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जाकिर नाइक की संस्था IRF पर जारी रहेगा बैन, PFI पर भी एक्शन की तैयारी

Zakir Naik PFI Latest News: इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर बैन जारी रहेगा. यूएपीए ( Unlawful Activities Prevention Act : UAPA) के तहत संस्था पर बैन लगा है. गृह मंत्रालय ने फाउंडेशन को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया था.

जाकिर नाइक. -फाइल फोटो जाकिर नाइक. -फाइल फोटो
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST
  • 2016 में ढाका विस्फोट के बाद जाकिर का नाम आया था सामने
  • खरगोन हिंसा में PFI की भूमिका के आरोप MP भाजपा अध्यक्ष ने लगाए थे
  • उत्तर प्रदेश पहले ही PFI पर बैन लगाने की मांग कर चुका है

Zakir Naik PFI Latest News: इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर बैन जारी रहेगा. गृह मंत्रालय की तरफ से लगाए गए यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act : UAPA) को जारी रखा गया है. भारत के गृह मंत्रालय ने फाउंडेशन को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया हुआ है.

केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत जाकिर नाइक और IRF के अन्य सदस्यों के खिलाफ दर्ज किए गए विभिन्न मामलों से संबंधित जानकारी के आधार पर IRF पर प्रतिबंध लगा दिया.

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केंद्र सरकार ने पाया कि IRF संस्थापक और अध्यक्ष जाकिर नाइक अपने अनुयायियों को धर्म, वैमनस्य या दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना की भावनाओं के आधार पर बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित और सहायता कर रहे थे.

केंद्र ने यह भी देखा कि 2016 में मलेशिया जाने के बावजूद जाकिर नाइक ने अपने अनुयायियों तक पहुंचना जारी रखा. सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट के माध्यम से अपनी शिक्षाओं का प्रचार किया. विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच घृणा और द्वेष को बढ़ावा दिया. युवाओं के जबरन धर्मांतरण में शामिल रहे. हिंदू, हिंदू देवताओं और अन्य धर्मों के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था.

2016 में ढाका विस्फोट के बाद जाकिर का नाम आया था सामने

सबसे पहले जाकिर नाइक का नाम तब पहली बार सामने आया था, जब 2016 में बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका में विस्‍फोट हुए थे. इस घटना के बाद जो आतंकी गिरफ्तार हुए थे, उन्‍होंने बताया था कि वह जाकिर के भाषणों से प्रभावित हैं. ढाका में हुए इस ब्‍लास्‍ट में 22 लोग मारे गए थे.  इसके बाद भारत में जाकिर के खिलाफ मुंबई पुलिस की स्‍पेशल ब्रांच ने मामले की जांच की थी. बाद में NIA ने मामले की इंवेस्‍टीगेशन की थी. 

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शुरुआती जांच के बाद जाकिर और IRF पर बैन लगा दिया गया था. उस पर आरोप था कि वह अपने भाषणों से धर्मों के बीच विद्वेष फैला रहा है. वहीं उसके भाषण सुनकर मुस्लिम युवक आतंकी बन रहे हैं. तब एक रिपोर्ट भी सामने आई थी, जिसमें सामने आया था कि IRF ने 400-500 पुरुष और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाया था.

जाकिर नाइक के खिलाफ इसके बाद महाराष्ट्र और केरल में एफआईआर दर्ज हुई थीं. वहीं जांच में ये भी सामने आया था कि कि IRF को विदेशों से भी फंड मिल रहा है. जाकिर के पाकिस्‍तान और यहां मौजूद आतंकी संगठनों से संबंध भी सामने आए थे. 

बता दें कि जाकिर नाइक पर भारत में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह भारत में वांछित है. उस पर आरोप है कि उसके भाषण विवादित थे, जो पीस टीवी पर दिखाये जाते थे. उसके एनजीओ IRF का दफ्तर मुंबई के डोंगरी में था. 

PFI पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है केंद्र

सूत्रों ने आजतक को सूचित किया है कि केंद्र (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पीएफआई पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. देश में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों में PFI से जुड़े लिंक की जांच पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है. मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा में PFI की भूमिका के आरोप मध्य प्रदेश भाजपा के नेता वीडी शर्मा ने लगाए थे. उत्तर प्रदेश ने पहले ही PFI को बैन करने की मांग केंद्र सरकार से कर चुका है. 

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PFI के खिलाफ डोजियर... एजेंसियां इस पर क्यों बैन चाहती हैं

PFI भारत में इस्लाम के तालिबानी संस्करण को थोपना चाहता है. उदारवादी मुस्लिम संगठनों को हटाना चाहता है. संगठन में आईईडी बम बनाने और जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाने के लिए प्रशिक्षक हैं. PFI नेतृत्व अक्सर हज के नाम पर खाड़ी का दौरा करता है, लेकिन असली उद्देश्य फंड इकट्ठा करना है. अभी भी प्रतिबंध लगाने की कोई समय सीमा तय नहीं है, लेकिन समय-समय पर राज्यों और एजेंसियों से इनपुट के बाद इसे प्रतिबंधित करने पर विचार किया गया है.

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