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केरल के बाद यूपी में भी जीका वायरस के केस, जानिए कितना खतरनाक, कितनी मचा चुका है तबाही?

केरल के बाद अब यूपी में भी जीका वायरस का केस सामने आ गया है. कानपुर में एक व्यक्ति जीका से संक्रमित पाए गए हैं. इसके बाद केंद्र की ओर से एक हाईलेवल टीम भी भेजी गई है.

जीका वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर) जीका वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST
  • यूपी में भी आया जीका वायरस का केस
  • कानपुर के एयरफोर्स कर्मी हुए संक्रमित
  • केंद्र ने यूपी भेजी हाईलेवल एक्सपर्ट की टीम

केरल के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जीका वायरस (Zika Virus) का मामला सामने आ गया है. कानपुर के एक एयरफोर्स कर्मी इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. सीएमओ नेपाल सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उन्हें कई दिनों से बुखार आ रहा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

एयरफोर्स कर्मी में कई रहस्यमयी लक्षण दिख रहे थे, जिसके बाद उनके ब्लड सैम्पल को पुणे में जांच के लिए भेजा गया था. वहां उनमें जीका वायरस की पुष्टि हुई. इसके साथ ही उनके संपर्क में आए 22 और लोगों के सैम्पल भी भेजे गए हैं. वहीं, केंद्र की ओर से भी एक हाईलेवल टीम को कानपुर भेज दिया गया है.

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क्या है जीका वायरस?

जीका एक मच्छर से फैलने वाला वायरस है जो एडीज एजिप्टी नाम की प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं. ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खासतौर से भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है.

ये भी पढ़ें-- अगली महामारी भी बन सकता है Zika Virus! जानिए इसकी वजह

क्या हैं इसके लक्षण?

जीका वायरस के कुछ खास लक्षण नहीं है. इसके लक्षण भी आमतौर पर डेंगू जैसे ही होते हैं जैसे बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द होना.

केरल में जीका के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले हैं. एक बच्चे ने इस वायरस की वजह से अपनी जान भी गंवा रखी है. ऐसे में ये वायरस घातक भी है और इस पर काबू पाना मुश्किल भी.

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जान का खतरा कितना?

सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के मुताबिक, जीका वायरस से मरीज की मौत होने की आशंका बहुत कम होती है. इसके साथ ही सिर्फ गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है. केरल में इस साल 8 जुलाई को जीका वायरस का पहला मामला सामने आया था. केरल में इससे अब तक एक की मौत होने की खबर है.

कितना खतरनाक है जीका वायरस?

अगर कोई गर्भवती महिला इससे संक्रमित हो जाती है तो इससे उसके होने वाले बच्चे पर गंभीर असर पड़ सकता है. सीडीसी के मुताबिक, गर्भवती महिला के संक्रमित होने से उसके पैदा होने वाले बच्चे में कोई दिमागी बीमारी हो सकती है. इसके अलावा इससे गर्भपात और मृत बच्चे के पैदा होने का भी खतरा रहता है. इसके अलावा कई मामलों में संक्रमित को Guillain Barre Syndrome भी होने का खतरा रहता है और इसकी अनुमानित मृत्यु दर 8% से ज्यादा है. वैक्सीन अलायंस GAVI के मुताबिक, 2015 और 2016 में दुनियाभर में जीका वायरस के 5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे और 18 मौतें हुई थीं. हालांकि, 3 हजार 700 से ज्यादा बच्चे ऐसे थे जो किसी बीमारी के साथ जन्मे थे.

क्या है इसका इलाज?

अभी तक जीका वायरस का कोई इलाज नहीं है. सिर्फ डॉक्टरी देखभाल ही ठीक हुआ जा सकता है. इसके साथ ही मच्छरों के काटने से बचकर और मच्छरों के प्रसार को रोककर ही बचने की कोशिश कर सकते हैं. वहीं, अभी तक इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है. 

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