एक जबरदस्त सस्पेंस थ्रिलर या फिर दहला देने वाला इमोशनल ड्रामा, या अंधेरे में डूबी जिंदगी का दर्द में डूबा संगीत. पर्दे पर दिखने वाली सैकड़ों-हजारों कहानियों की तरह ही आज खुद बॉलीवुड की ऐसी सूरत करोड़ों लोगों के चेहरे पर प्रश्चिह्न बनकर तैर रही है कि आखिर फिल्मी दुनिया की हकीकत क्या है. वो तस्वीर जो दुनिया को पर्दे पर दिखाई जाती है, या वो तस्वीर जो आज टीवी से लेकर गली नुक्कड़ की बहसों में छाई हुई है? जिंदगी के फलसफे और इंसानी जज्बात के बारीक से बारीक पहलुओं को उकेरने वाला बॉलीवुड क्या खुद भीतर से खोखला है? क्या अपनी कहानियों में अच्छाई का ढिढोंरा पीटने वाला बॉलीवुड खुद गंदा है? देखिए खबरदार, चित्रा त्रिपाठी के साथ.