सीएए कानून के बाद पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय को भारतीय नागरिकता मिलेगी. इस समुदाय की आबादी लगभग 2 करोड़ है और यह वही हिंदू समुदाय है जिसके अधिकांश लोग 1971 के बाद भारत आए थे. इसके चलते उनके पास भारतीय नागरिकता नहीं थी. लेकिन अब सीएए के बाद इन लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी. इस नागरिकता से पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में बड़ा खेल हो सकता है. देखें रिपोर्ट.