एक जमाने में दुर्गा पूजा के समय गांव-खेड़ों से लोग जात्रा देखने के लिए कोलकाता आते थे. जात्रा थियेटर का एक और नाटकीय रूप है. लेकिन आज के ओटीटी वाले जमाने में जात्रा कहीं न कहीं लुप्त होने की कगार पर है. उत्तरी कोलकाता में जात्रा पारा हुआ करता था, जहां लाइव परफॉर्मेंस देखने के लिए लोगों का हुजूम लगा करता था. अब इसी जात्रा को वापस लाया गया है. उत्तरी कोलकाता के काकोरगांछी के एक पंडाल को जात्रा की थीम पर डिजाइन किया गया है. हमारे संवाददाता सूर्याग्नि रॉय ने जात्रा पारा के इन पंडालों में जाकर देखा. देखिए ये रिपोर्ट.