महाकुंभ का प्रमुख अमृत स्नान, जिसमें 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मंगलवार को संगम में डुबकी लगाई, सुबह 6 बजे प्रारंभ हुआ और शाम 6 बजे समाप्त हुआ. इस आयोजन में जूना अखाड़ा सहित सभी 13 अखाड़ों के संतों ने भाग लिया. विदेशी साधुओं का भी मोक्ष की खोज में प्रयागराज महाकुंभ में स्वागत हुआ.